नवादा: एक ओर जिले के लोग कोरोना महामारी को लेकर परेशान हैं. तो वहीं, दूसरी ओर हीट स्ट्रोक यानी लू के खतरे से हलकान है. चिलचिलाती धूप और बढ़ते गर्मी सिर्फ बुजुर्गों के लिए ही नहीं, बच्चे के लिए भी मौत का सबब बन सकता है.
इस बाबत ईटीवी भारत ने जिलेवासियों में लू से संबंधित जानकारी के लिए शहर के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शम्बूक जयसवाल से बात की. डॉक्टर शम्बूक ने बताया कि इसके कई पेशेंट को बहुत तेज बुखार लगेगा, बदन में दर और मसल्स में भी दर्द होते हैं. तापमान अगर 45 डिग्री से ऊपर और हवा में आद्रता की मात्रा अधिक हो जाती है.
'बच्चे और बुजुर्ग को जल्दी लग सकता है लू'
डॉक्टर ने बताया कि 60 साल से ज्यादा और 4 साल से कम उम्र के बच्चों को लू लगने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. बच्चों में हिट रेगुलेशन मैक्नीज बढ़िया नहीं होता है. इसलिए वो इसे कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और लू की चपेट में आ जाते हैं. इससे बचने के लिए बच्चों को घर के अंदर रहने दें और बाहर ना ही खेलने और ना निकलने दिया जाए.
'इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी'
डॉक्टर शम्बूक ने बताया कि लू लगे मरीज को ठंडे वाले जगह पर ले जाएं. वहां पंखा और कूलर या फिर उसके शरीर को पानी से बार-बार धोते रहना है. इसमें मेडिसिन का बहुत बड़ा रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि मरीज के शरीर के टेंपरेचर को कम करने की कोशिश करें, लेकिन इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है.
लू के लक्षण:-
⦁ बार बार तेज बुखार आना.
⦁ शरीर में ऐंठन महसूस होना.
⦁ सिर में भारीपन महसूस होना.
⦁ हाथ, पैरों में जलन महसूस होना.
⦁ दिल की धड़़कन तेज महसूस होना.