बिहार

bihar

ETV Bharat / state

न पान का प्रोसेसिंग प्लांट, न मार्केटिंग की व्यवस्था.. अनुदान का दायरा बढ़ा लेकिन निर्यात नहीं

नवादा में पान उत्पादन (Betel Cultivation in Nawada) करने वाले किसान प्रोसेसिंग प्लांट नहीं लगने से परेशान हैं. जिले में पान के खेती को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत रखा गया है. इसके बावजूद इसकी मार्केटिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

नवादा में पान का उत्पादन
नवादा में पान का उत्पादन

By

Published : Dec 18, 2022, 8:05 AM IST

Updated : Dec 18, 2022, 8:11 AM IST

नवादा:बिहार के नवादा में पान की खेती (Betel Production in Nawada) को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के तहत बड़े उद्योग में तबदील करने की योजना तैयार की गई थी. पान की खेती को आगे बढ़ाने के साथ ही पान की प्रोसेसिंग कर औषधीय तेल और अन्य उत्पाद बनाने का प्लान था, लेकिन यह प्लान अभी इतना अधूरा है कि इसकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है. जिले में होने वाली पान की खेती देश भर में मशहूर है और सरकारी स्तर पर भी जिला बड़ा पान उत्पादक क्षेत्र है. लेकिन इस उत्पादन को और विस्तार देने का प्रयास विफल साबित हो रहा है.

पढ़ें-नवादा: नीलगाय ने पान के खेतों को किया तहस-नहस, पान किसान परेशान


नवादा में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना: नवादा को वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना (One District One Product Scheme in Nawada) के तहत पान की खेती के लिए चुना गया है. जिले में पान की खेती तो हो रही है लेकिन इसके औद्योगिकरण के प्रयास विफल हो रहे हैं. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना शुरू हुए दो साल से अधिक हो गए लेकिन अब तक ना तो पान के लिए डेडीकेटेड प्रोसेसिंग प्लांट लगे और ना ही पान की खेती के उन्नत मार्केटिंग की कोई व्यवस्था हो पाई. किसान अपने बलबूते पान की खेती कर रहे हैं और उसे कोलकाता और बनारस की मंडियों तक पहुंचा भी रहे हैं. पान को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए जिले में कोई प्लांट नहीं है. ऐसे में किसानों के पास पान के पत्ते को तोड़ने के साथ ही तुरंत मार्केट में पहुंचाने की जल्दी और नुकसान का जोखिम भी रहता है.



पान की खेती के लिए मिलाअनुदान: जिला उद्यान पदाधिकारी सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि पान की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार किसानों की मदद कर रही है. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना के तहत पान की खेती को चुना गया है और पान किसानों को भारी-भरकम अनुदान दिया जा रहा है. एक यूनिट पान लगाने का खर्च 70 हजार 500 रुपए अनुमानित है जिसमें सरकार 35 हजार 250 की सब्सिडी दे रही है. पिछले साल 83 किसानों को अनुदान मिला. इस बार 16.5 हेक्टेयर पान की खेती के लिए अनुदान की राशि वितरित हो रही है. उद्यान विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में 1500 किसान पान की खेती कर रहे हैं. इन किसानों को 3 फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से अनुदान दिया जाएगा.

"पान की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार किसानों की मदद कर रही है. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट योजना के तहत पान की खेती को चुना गया है और पान किसानों को भारी-भरकम अनुदान दिया जा रहा है. एक यूनिट पान लगाने का खर्च 70 हजार 500 रुपए अनुमानित है जिसमें सरकार 35 हजार 250 की सब्सिडी दे रही है. पिछले साल 83 किसानों को अनुदान मिला. इस बार 16.5 हेक्टेयर पान की खेती के लिए अनुदान की राशि वितरित हो रही है."-सुधीर कुमार तिवारी, जिला उद्यान पदाधिकारी



इन गांवों में होती है पान की खेती: जिले के हिसुआ के तुंगी, मंझवे, बेलदारी, रामनगर, डफलपुरा, ढेवरी, कैथिर, नारदीगंज के हंडिया, पचिया, पकरीबरावां के छतरवार, डोला, काशीचक के नया डीह, रोह प्रखंड के पचिया, कौवाकोल के ईंटपकवा, बड़राजी, जैसे गांवों के करीब डेढ़ से 2 हजार किसान पान की खेती करते हैं. जिले के पान की खेती को जी आई टैग भी मिला हुआ है. जी आई टैग मिलने के बाद यहां उपजा हुआ पान विदेश तक बेचा जा सकता है. जिला उद्यान पदाधिकारी बताते हैं कि पान की खेती को सफल उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए सरकारी स्तर से हर संभव प्रयास हो रहा है लेकिन इसके साथ ही फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को एकजुट होकर पहल करना पड़ेगा.

पान की खेती से हो सकता है कितना मुनाफा?: अगर पान की खेती के वक्त सभी जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो प्रति हेक्टेयर 100 से 125 क्विंटल पान की उपज हो सकती है. यानी औसतन 80 लाख पानों की पैदावार हो सकती है. जबकि दूसरे और तीसरे साल 80 से 120 क्विंटल की पैदावार होती है. यानी 60 लाख पत्तियों का उत्पादन होता है. बाजार में अच्छे भाव मिले इसके लिए जब पान मैच्योर हो जाए तभी बेचें. परिपक्व होने के समय पान के पत्ते पीले और सफेद हो जाते हैं. इस समय बाजार में भाव 180 से 200 रुपए ढोली मिल सकता है यानी एक पत्ते का 1 रुपया तक आपको मिल सकता है.



पढ़ें-'मगध की शान' मगही पान पर शीतलहर की मार, सालों से नहीं मिल रहा किसानों को अनुदान

Last Updated : Dec 18, 2022, 8:11 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details