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VIDEO: नए इलाकों को आगोश में ले रही गंडक, मुजफ्फरपुर के दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा

नेपाल और बिहार के सीमावर्ती इलाके में हो रही बारिश के चलते गंडक नदी (Gandak River) आज फिर एक बार उफान पर है. उत्तर बिहार इन दिनों बाढ़ के हालात से जूझ रहा है. मीनापुर(Meenapur) और कांटी प्रखंड (Kanti Block) के कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी देखने को मिल रहा है. बता दें कि गंडक नदी (Gandak River) का जलस्तर खतरे (Danger mark) के निशान से 8 सेंटीमीटर ऊपर है.

मुजफ्फरपुर
बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि

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Published : Jun 21, 2021, 4:48 PM IST

मुजफ्फरपुर:राज्य में पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश (Continuous Rain) के बीच अब बिहार की सभी नदियां उफान (River of Bihar) पर हैं. वहीं मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak) नदी भी अब तांडव मचाने लगी है. पिछले 24 घंटों से बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी (Water level rises) देखी जा रही है. बूढ़ी गंडक नदी में बढ़ते जलस्तर की वजह से मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के कई निचले इलाकों में तेजी से बाढ़ का पानी (Flood Water) प्रवेश कर रहा है.

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प्रखंड मुख्यालय से टूटा संपर्क
बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है. जलस्तर में बढ़ोतरी (Water level rises) होने से मीनापुर प्रखंड (Minapur Block) के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इन इलाकों में बाढ़ के पानी से सब्जियों के अलावा धान (Paddy crop) और मक्के की फसल (Maize crop) को काफी नुकसान हुआ है. वहीं, कुछ पंचायतों में बाढ़ के पानी की वजह से अपने प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है.

देखें रिपोर्ट...

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तेजी से निचले इलाके में फैल रहा पानी
बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak) नदी के तेज प्रवाह के बीच अब नदी का पानी तेजी से निचले इलाके में फैलने लगा है. वहीं, बूढ़ी गण्डक नदी के जलस्तर में हो रहे इजाफा से ग्रामीण बाढ़ की आशंका (Flood Threat) से भयभीत है. मीनापुर के बहादुर पंचायत (Bahadur Panchayat) में बाढ़ का पानी तेजी से निचले इलाकों में प्रवेश कर रहा है. गांव के एक प्रमुख सड़क पर बाढ़ का पानी सड़क से ऊपर से बह रहा है, जिससे सड़क पर तेजी से कटाव हो रहा है. नदी के रुख को देखते हुए इस सड़क के बाढ़ के पानी में टूटने की आशंका भी बनी हुई है.

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24 घण्टे के लिए Alert
वहीं, मीनापुर बानघरा में भी नदी के पानी के प्रवेश शुरू हो गया है. वहीं नदी के जलस्तर में हो रहे वृद्धि के कारण मीनापुर बड़ा भारती पंचायत का सड़क संपर्क अपने प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह टूट गया है. वहीं, अब जिले के दूसरे इलाकों में तेजी से नदी का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर रहा है. फिलहाल बूढ़ी गण्डक नदी के जलस्तर में हो रहे इजाफा के बीच आने वाले 24 घण्टे बहुत अहम है.

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16 जून को जारी किया गया था हाई अलर्ट
बता दें कि बीते 16 जून को नेपाल के तराई क्षेत्रों (Nepal Rainfall In Eastern Tarai) में हुई बारिश के बाद गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई थी. जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज गंडक नदी में हो रहा था. जलस्तर में वृद्धि को कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए थे. वहीं, वाल्मीकिनगर गंडक बराज के साथ ही तटबंधों और बांधों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट (High Alert) पर कर दिया गया था.

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मुख्यमंत्री ने दिया था निर्देश

  • जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
  • जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
  • एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.
    खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंडक नदी

15 जून को छोड़ा गया था पानी
वहीं इससे पहले यानी कि 15 जून को भी नेपाल बराज से रात 9 बजे तक 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक की थी. बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया था कि नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षापात के कारण गंडक नदी के जलश्राव (Release) और नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है. इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद (Alert) है.

मुख्यमंत्री ने जारी किया था निर्देश
बता दें कि बैठक में मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा और संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department), जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) और सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश भी दिया था.

ग्रामीणों ने लगाई थी गुहार
बताते चलें कि बीते 13 जून को बिहार के भागलपुर के सबौर प्रखंड के बाबूपुर, रजंदीपुर इंग्लिश और फरका गांव के पास गंगा नदी के तटवर्ती इलाके में भीषण कटाव शुरू हो गया था. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया था. ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग विभाग और स्थानीय जन प्रशासन से कटाव रोधी काम को शुरू करने की गुहार लगाई थी..

16 जून को भी उफान पर थी नदियां
बता दें कि बीते 16 जून को भी नेपाल और बिहार के सीमावर्ती इलाके में हो रही बारिश के चलते गंडक, बागमती, कमला बलान समेत कई नदियां उफना पर आ गई थी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने गंडक नदी (Gandak River) के अधिकांश जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना जताई थी. इसके साथ ही बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भी वर्षा होने की आशंका जताई थी.

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने गंडक नदी (Gandak River) के अधिकांश जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना जताई थी. इसके साथ ही बागमती और अधवारा समूह की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भी वर्षा होने की आशंका जताई थी.

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