मुजफ्फरपुरःबिहार की वाणिज्य राजधानी होने के नाते मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है. यही वजह है कि इस सीट पर हमेशा देश के बड़े राजनीतिक दलों का कब्जा रहा है. यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस का अभेद गढ़ माना जाता था, लेकिन बीजेपी के सुरेश शर्मा 2010 में यह सीट फतह कर लिए. जिसके बाद से कांग्रेस का यह गढ़ लगातर दो चुनाव से बीजेपी के कब्जे में है. इस बार भारतीय जनता पार्टी हैट्रिक लगाने की तैयारी में है.
कभी कांग्रेस का अभेद किला था मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट, अब BJP का है कब्जा
मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट के लिए एनडीए की ओर से पार्टी और चेहरा करीब-करीब स्पष्ट है. लेकिन, महागठबंधन में यह सीट किसके पाले में जाएगी, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है.
मुजफ्फरपुर
महागठबंधन से उम्मीदवार की घोषणा नहीं
इस चुनाव में एनडीए गठबंधन की ओर से पार्टी और चेहरा करीब-करीब स्पष्ट है. वहीं, महागठबंधन में यह सीट किसके पाले में जाएगी, इसकी तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है. जहां तक इस सीट पर मुद्दों की बात है. उसमें शहर में जल जमाव, गंदगी, पताही, हवाई अड्डे शुरू नहीं होना, जाम जैसे मुद्दे स्थानीय स्तर पर पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए तनाव दे सकते हैं.
साल | विधायक | पार्टी |
1952 | शिव नंदा | कांग्रेस |
1957 | महामाया प्रसाद | पीएसपी |
1962 | देवनंदन | कांग्रेस |
1967 | एमएल गुप्ता | कांग्रेस |
1969 | रामदेव शर्मा | सीपीआई |
1972 | रामदेव शर्मा | सीपीआई |
1977 | मंजयलाल | जनता पार्टी |
1980 | रघुनाथ पांडेय | कांग्रेस |
1985 | रघुनाथ पांडेय | कांग्रेस |
1990 | रघुनाथ पांडेय | कांग्रेस |
1995 | विजेन्द्र चौधरी | जनता दल |
2000 | विजेन्द्र चौधरी | राजद |
2005 | विजेन्द्र चौधरी | निर्दलीय |
2010 | सुरेश शर्मा | भाजपा |
2015 | सुरेश शर्मा | भाजपा |