मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन (Durga Idol Immersion) गोली कांड मामले में पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को सीआईडी (CID) ने पिछले 2 महीने में किए गए कार्य से संबंधित जांच रिपोर्ट (Investigation Report) बंद लिफाफे में सौंप दिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को निर्धारित की है. मुंगेर में अनुराग पोद्दार (Anurag Poddar ) के मामले को देख रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश पोद्दार (Advocate Omprakash Poddar) ने कहा कि सीआईडी ने बंद लिफाफे में 40 गवाहों से लिया गया बयान से संबंधित जांच रिपोर्ट सौंपा है.
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उन्होंने कहा कि सीआईडी की कार्यप्रणाली सही नहीं है. वे गवाह को परेशान कर रहे हैं. मुंगेर में भी जब चश्मदीदों से गवाही लिया गया तब फिर मुख्यालय बुलाकर उनसे 7 घंटे तक पूछताछ करना कहां तक उचित है. इस केस के गवाह को अनावश्यक रूप से सीआईडी परेशान कर रही है. घटना के 10 माह बीतने के बाद भी इस केस के एक भी आरोपी की गिरफ्तार नहीं हुई है.
इस केस में कई पुलिसकर्मी भी नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं. ऐसे में सीआईडी के कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है. इस संबंध में मृतक अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अनुराग हत्या प्रकरण से जुड़े दो मामलों की जांच सीआईडी टीम कर रही है. एक मामले में सूचक मैं खुद हूं जिसका कोतवाली कांड संख्या 311/20 है.
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दूसरे मामले में कोतवाली कांड संख्या 298 /20 के सूचक तत्कालीन मुफस्सिल थाना अध्यक्ष बृजेश सिंह है, जो अन्य मामलों में नामजद अभियुक्त भी हैं. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन गोलीकांड मामले और श्रद्धालु अनुराग हत्या प्रकरण में घटना के चश्मदीद गवाह संगठन कुमार उर्फ राजू से सीआईडी पुलिस कई बार बयान लेने के बाद भी उसे गवाही देने के लिए पटना बुला लिया गया.