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जातीय समीकरण को साधने वाला ही बन पाएगा 'मुंगेर का महाबली'

रविवार को होने वाली चुनावी परीक्षा का निर्णय जनता के हाथों में है. मुंगेर में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिसमें मुंगेर, जमालपुर, लखीसराय, सूर्यगढ़ा, मोकामा और बाढ़ शामिल हैं.

नीलम देवी बनाम ललन सिंह

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Published : Apr 28, 2019, 9:00 PM IST

मुंगेर:जिले में 29 अप्रैल यानी चौथे चरण में मतदान होना है. इस चुनावी महासंग्राम में सभी ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. मुंगेर लोकसभा सीट शुरू से ही हॉट सीट रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से 19 उम्मीदवार मैदान में खड़े हैं.

लेकिन, मुख्य रूप से कांटे की टक्कर कांग्रेस की प्रत्याशी और मोकामा विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी और एनडीए से जदयू के प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच मानी जा रही है.

सभी दल कर रहे जनता से जीत की गुहार
यहां कोई संविधान बचाने को लेकर जनता से वोट मांग रहा है तो कोई विकास के मुद्दे पर जनता से मजदूरी बटोरने में लगे हैं. रविवार को होने वाली चुनावी परीक्षा का निर्णय जनता के हाथों में है. मुंगेर में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं. जिसमें मुंगेर, जमालपुर, लखीसराय, सूर्यगढ़ा, मोकामा और बाढ़ शामिल हैं.

2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे

  • वीणा देवी(एनडीए)- कुल वोट 352911 - 20%
  • ललन सिंह(जदयू)- कुल वोट 243847 - 14%
  • प्रगति मेहता(राजद)- कुल वोट 182971 - 10%

नए परिसीमन में जातीय गोलबंदी पर जोर
मुंगेर संसदीय क्षेत्र में अति पिछड़े वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. एक आंकड़े के मुताबिक यहां लगभग साढ़े छह लाख अति पिछड़े मतदाता हैं. इनमें कुर्मी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. वहीं करीब सवा दो लाख भूमिहार मतदाता हैं. यादव मतदाताओं की संख्या भी करीब 1,75000 के करीब है. जबकि मुसलमान वोटरों की संख्या 1,25000 के करीब है. इसके अलावा मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में लगभग तीन लाख पिछड़ी जाति के मतदाता हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है सभी मुद्दे गौण होते जा रहे हैं और जातीय गोलबंदी बढ़ती जा रही है. सूत्रों की माने तो उम्मीदवारों की जीत और हार भी इसी आधार पर तय हो रही है.

नीलम देवी बनाम ललन सिंह

भूमिहार जाति से दोनो प्रत्याशी
आपको बता दें कि यहां से दोनों गठबंधन के प्रत्याशी भूमिहार जाति से हैं. दोनों गठबंधन के प्रत्याशी को अपनी जाति के वोटों के अलावा आधार वोट मिलने की भी काफी उम्मीद है. दोनों गठबंधन एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश में जुटे हुए हैं.

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