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सोनिया गांधी के रेल किराया देने की घोषणा पर छिड़ी सियासत, कांग्रेस ने बताया ऐतिहासिक राजनीतिक कदम

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Published : May 6, 2020, 10:52 PM IST

वैश्विक महामारी कोरोना के बीच बिहार में मजदूरों पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि वह मजदूरों का किराया वहन करेगी. वहीं, अब पार्टी सोनिया गांधी के एलान का राग अलाप रही है.

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मधुबनी: घर वापसी करने वाले प्रवासियों के लिए कांग्रेस की तरफ से किराया देने की घोषणा की गई थी. जिला कांग्रेस कमिटी ने इसे विपत्ति की घड़ी में किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ से किया गया ऐतिहासिक एलान बताया है. पार्टी जिला अध्यक्ष प्रो. शीतलाम्बर झा ने कहा कि पार्टी आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. इसके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मजदूरों की परेशानी से मर्माहत होकर हिम्मत दिखाई है.

जरूरतमंदों के लिए कांग्रेस उठाएगी

उन्होंने कहा कि इस मानवीय फैसले को अमल में लाने के लिए कार्यकर्ता चंदा सहित अपनी ओर से भी आर्थिक सहयोग करेंगे. मजदूरों, छात्रों, वंचितों और उपेक्षितों के साथ ही उन तमाम जरूरतमंदों के लिए कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस वक्त गरीब भूख से बेहाल हैं. छात्र दूसरे राज्यों में फंसकर परेशान हैं. पूरा समाज किसी न किसी तरीके से प्रभावित हुआ है.

मुख्य सचिव को लिखा पत्र

साथ ही प्रो. शीतलाम्बर झा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना के संकट काल में जब गरीबों के पास खाने को पैसे नहीं उस वक्त सरकार उनसे किराया वसूल रही. उन्होंने इसे सरकार का बेहद असंवेदनशील कदम बताया. इस संबंध में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने बिहार के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सरकार जल्द एक नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति करे ताकि पार्टी उनसे संपर्क स्थापित कर सके. इसके बाद बिहार के मजदूरों, छात्रों व पर्यटकों का रेल किराया भुगतान किया जा सकेगा. जिला कांग्रेस ने इसके लिए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष का आभार प्रकट किया है.

बता दें कि विपक्ष लगातार सरकार पर प्रवासियों से पैसे वसूलने का आरोप लगा रहा है. वहीं, सरकार का कहना है कि यह इल्जाम गलत है. केंद्र सरकार रेल का 85 प्रतिशत खर्च खुद वहन कर रही है और 15 प्रतिशत राज्यों को करने के लिए कहा गया है.

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