मधुबनी:डीएम डाॅ. निलेश रामचन्द्र देवरे की अध्यक्षता में कोविड-19 के मद्देनजर बैठक आयोजित की गई. जिसमें सरकार के सभी दिशा निर्देशों का अनुपालन और आगामी त्यौहार के दौरान लाॅकडाउन का पालन करवाने की चर्चा हुई. मुख्य सचिव के दिए गए निर्देश के अनुपालन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में पुलिस अधिक्षक, अपर समहर्ता, सिविल सर्जन, अनुमण्डल अधिकारी सदर, कोविड कंट्रोल रूम के सभी वरीय अधिकारी और सूचना जनसंपर्क के अधिकारी मौजूद रहे.
डीएम ने की समीक्षा बैठक
बैठक में सभी एसडीओ, डीएसपी, एसएचओ, बीडीओ और एमओआईसी, एएनएम को जिले में रैपिड एंटीजन टेस्ट की प्रगति लक्ष्य के अनुरूप किए जाने के लिए उन्हे धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को इसी तरह से जारी रखें ताकि सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जा सके. मुख्य सचिव के निर्देशानुसार कंटेनमेंट जोन का क्षेत्र 3 किलोमीटर न रखकर उसे छोटा किया जाएगा.
कंटेनमेंट जोन के सभी लोगों का सैंपल टेस्ट अनिवार्य रुप से करना सुनिश्चित किया जाएगा. कंटेनमेंट जोन की घेराबंदी कर उसमे किसी प्रकार की बाहरी आवाजाही को 14 दिनो के लिए प्रतिबंधित किया जााएगा. बीडीओ और एसएचओ कंटेनमेंट जोन में निरंतर भ्रमनशील रहेगे और उन क्षेत्रो में नियम का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा. डीएम की ओर से प्रखंड विकास अधिकारी जयनगर, बेनीपट्टी, बिस्फी और खजौली के कार्यों की प्रशंसा की गई. जबकि राजनगर, घोघरडीहा, अंधराठाढ़ी आदि प्रखण्डो में एट्री कार्य धीमी गति से होने पर फटकार लगाई गई.
शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील
डीएम ने मुहर्रम और गणेश चतुर्थी त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार का जुलूस को प्रतिबंधित करने का आदेश अंचलाधिकारी और थानाप्रभारी को दिया है. साथ ही इस संबंध में स्थानीय शांति समिति की बैठक आयोजित कर त्योहार के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया. बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक की ओर से सभी थाना प्रभारी को जिले के 88 कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की त्योहारिक एक्टीविटी को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया.
आदेश का उल्लंघन करने वाले पर एपीडेमिक एक्ट के अर्तगत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. साथ ही 5 साल पुराने संप्रदायिक दंगो में सम्मलित लोगों को चिन्हित कर धारा 107 का बाॅण्ड भरवाने का भी निर्देश दिया गया है. जिला में वज्रपात के दौरान मृत व्यक्तियों और तालाब में डूबे लोगों का अभिलेख तैयार कर जिले में भेजने के लिए सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया ताकि उनके परिजनो को आवश्यक सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके.