मधेपुरा:जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत खनहन गांव में सैकड़ों परिवार अपनी जान जोखिम में डालकर मौत के पुल को पार करने को मजबूर हैं. दरअसल, खनहन गांव के सैकड़ो परिवार की जीवन एक बांस के पुल के सहारे चल रही है. स्थानीय ग्रामीण बताते है कि हमलोगों तक सरकार का विकास कार्य नहीं पहुंच पाया. यहां हमलोगों की 3 पुश्तों की जिंदगी बांस के पुल के सहारे कट गई.
इस तरह जान जोखिम में डाल बांस के पुल से नहर पार करते हैं लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि हमलोगों के घर के पास एक तालाब है. लेकिन आज तक एक पुल नहीं बन पाया. जिस वजह से हमलोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. अपनी जरुरतों के लिए हमलोग आपस में चंदा कर पुल बनाते हैं. लेकिन वह भी हर साल बरसात का पानी आते ही बह जाता है.
'आपस में चंदा कर बनाते हैं पुल'
स्थानीय अलीम और खुर्शीद अली बताते है कि हमलोगों के घर के पास एक तलाब है. लेकिन आज तक एक पुल नहीं बन पाया. जिस वजह से हमलोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. अपनी जरुरतों के लिए हमलोग आपस में चंदा कर पुल बनाते है. लेकिन वह भी हर साल बरसात का पानी आते ही बह जाता है. इसी बांस के पुल के सहारे हमलोग अपने बच्चे के सुनहरे जीवन का सपना देखते हैं.
'चुनाव के समय मिलता है, वादों का झुनझुना'
इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि हमलोगों के 3 पुश्तों की जिंदगी इसी तरह से कट गई. हमारे छोटे बच्चे भी इसी कमजोर पुल से गुजरते है. हमेशा किसी अनहोनी का डर बना रहता है. किसी के बिमार हो जाने के बाद अस्पताल जाने के लिए काफी दूर घूमकर जाना पड़ता है, जिस वजह से लोगों को समय से इलाज नहीं मिल पाता है. लोगों का कहना है कि चुनाव के समय नेता हमलोगों को वादों का झुनझुना थमाकर आगे निकल जाते हैं.