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नीति आयोग की रिपोर्ट में सबसे नीचे बिहार, JDU बोली- सीमित संसाधनों में हुआ बिहार का विकास

जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार में चोरों ओर विकास हुआ है. प्रदेश में संसाधनों का अभाव है, और केंद्र सरकार की ओर से केंद्रांश राशी भी कम मिलता है. इन सब के बावजूद सूबे में विकास कार्यों का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है.

नीति आयोग की रिपोर्ट
नीति आयोग की रिपोर्ट

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Published : Jan 7, 2020, 12:41 PM IST

मधेपुराः प्रदेश भर में अभी सीएए और एनआरसी को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ ही था कि नीति आयोग की ओर रिपोर्ट जारी ने सूबे की सियासत में एक और भूचाल ला दिया.

नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के इंक्रीमेंटल इंडेक्स में बिहार सबसे निचले पायदान है. इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि सीमित संसाधन और केंद्र सरकार की ओर से कम राशी दिए जाने के बावजूद प्रदेश में चारों ओर हर क्षेत्र में विकास हुआ है.

'पिछड़ने का अहम कारण संसाधनों का अभाव'
जदयू नेता निखिल मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार में चोरों ओर विकास हुआ है. प्रदेश में संसाधनों का अभाव है, और केंद्र सरकार की ओर से केंद्रांश राशी भी कम मिलता है. इन सब के बावजूद सूबे में विकास कार्यों का श्रेय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है. उन्होंने बताया कि अगर केंद्र सरकार की ओर से विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज मिलता तो बिहार विकास के पायदान पर सबसे अव्वल रहता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बचे हुए विकास कार्यों को दी जाएगी प्राथमिकता'
प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने ईटीवी भारत टीम से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास के नए आयाम को छुआ है. सीमित संसाधम के बावजूद मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए सूबे में इतिहास रचा है. लेकिन फिर भी जो विकास कार्य बचे हुए है, उनको प्रथमिकता के आधार पर किया जाएगा.

निखिल मंडल, प्रदेश प्रवक्ता जदयू

'विशेष आर्थिक पैकेज नहीं मिला'
जदयू नेता ने कहा कि केंद्र सरकार से जितनी आर्थिक मदद मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है. अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या फिर विशेष आर्थिक पैकेज मिलता तो, आयोग की सूची में बिहार अव्वल रहता. उन्होंने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक और हर सार्वजनिक मंच से प्रदेश के लिए विशेष दर्जा और आर्थिक सहायता की मांग करते रहे है. लेकिन आज तक बिहार को किसी प्रकार का आर्थिक पैकेज नहीं मिल पाया. जिस वजह से आयोग की रिपोर्ट में बिहार पिछड़ गया.

'सबसे निचले पायदान पर है बिहार-यूपी'
गौरतलब है कि नीति आयोग की रिपोर्ट में प्रदर्शन के आधार पर सूची को तीन हिस्सों में बांटा गया है. जिसमें बिहार-यूपी सबसे निचले पायदान पर है.

सबसे निचले पायदान पर ये प्रदेश हैं-
बिहार, यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश

इन राज्यों के प्रदर्शन में हुआ है सुधार-
बंगाल, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड और असम

ये राज्य है सूची में सबसे अव्वल-
केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना

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