बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पर्यावरण संरक्षण को लेकर मंत्री नीरज कुमार ने की बैठक, बोले- अब नहीं संभले तो हो जाएगी देर

नीरज कुमार ने कहा कि गिरते भूजल स्तर के कारण पर्यावरण संरक्षण, जल का संचयन करने के लिए नीतीश कुमार ने तालाबों, कुआं, आहार, बंद चापाकल सबको एक बार पुनर्जीवित करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. इसलिए हम सब को पर्यावरण के प्रति सजग रहने की जरूरत है.

By

Published : Jul 14, 2019, 10:01 PM IST

मंत्री नीरज कुमार

लखीसराय: जिला अतिथि गृह में रविवार को बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सह जिला प्रभारी मंत्री नीरज कुमार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर जदयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इसके बाद स्थानीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदा जनक स्थिति को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में हमें आगे आने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी सर्वदलीय बैठक
बिहार में इस वर्ष पहले सूखा की आशंका व्यक्त की गई. लेकिन पिछले 1 सप्ताह के दौरान जमकर बारिश हुई. जिससे कई जिलों में बाढ़ आ गई है. इस बार बिहार विधानसभा एवं विधान मंडल के सभी सदस्य जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए एक साथ बैठकर विचार विमर्श किया. हाल के वर्षों में यह पहला मौका था जब किसी एक मुद्दे पर बिहार विधानमंडल के सभी सदस्य एक साथ सामने आए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खासकर सत्र के दौरान इस असाधारण बैठक की पहल कर पर्यावरण को गंभीरता से लेने के लिए सबको अगाह किया.

मंत्री नीरज कुमार का बयान

'पर्यावरण के प्रति सबको सजग रहना जरूरी'
नीरज कुमार ने कहा कि गिरते भूजल स्तर के कारण पर्यावरण संरक्षण, जल का संचयन करने के लिए नीतीश कुमार ने तालाबों, कुआं, आहार, बंद चापाकल सबको एक बार पुनर्जीवित करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. इसलिए हम सब को पर्यावरण के प्रति सजग रहने की जरूरत है. पर्यावरण के प्रति सबको सजग रहना जरूरी है. आज कई बीमारियों के कारण जलवायु परिवर्तन है.

'अब नहीं चेते तो फिर हाथ मलते रह जाएंगे'
मंत्री ने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ के बाद जलवायु परिवर्तन के कारण ही आज हमें बाढ़ और सूखे की समस्या से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम अब नहीं चेते तो फिर हाथ मलते रह जाएंगे. बिहार सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण एवं जल संचयन के संदर्भ में विशेष जोर दिया है. इसके लिए हम सबको आगे आने की जरूरत है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details