किशनगंजः लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में 4 लाख युवा वोटर हैं. जो यहां के प्रत्याशियों को जीताकर दिल्ली भेजने में अहम भुमिका निभाएंगे. किशनगंज में शहर से लेकर गांव तक की युवा पीढ़ी जागरूक हो चुकी है. इस बार युवाओं का हुंकार है कि रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है सीमांचल का किशनगंज जिला अति पिछड़ा है. हमें विकास चाहिए.
किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 16 लाख 52 हजार 940 हैं. वहीं, सिर्फ किशनगंज जिले में वोटरों की संख्या 10 लाख 87 हजार 162 है. युवा वर्ग की बात करें तो 20 से 29 वर्षों के मतदाता युवाओं की संख्या 3 लाख 11 हजार 175 है. वहीं 18 वर्ष से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या भी 97 हजार 827 है.
युवाओं से बात करते हुए पत्रकार युवा मतदाता करेगें फैसला
जिले में 21 वीं सदी मे जन्में युवा भी इस बार पहली बार मतदान करंगे. इनकी संख्या भी 21 हजार है. आकड़ों से स्पष्ट है 18 से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की वोटिंग प्रत्याशियों के लिये काफी मायने रखेगा और ये युवा वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य विधाता बनेगे. इस बार युवाओं का हुंकार है रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है कि आजादी के बाद से अब तक यहां रोजगार का साधन नहीं बना. जिस कारण युवा यहां से पलायन कर जाते हैं.
शिक्षक की है कमी और बदहाल शिक्षा
वहीं, यहां कि शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है. कॉलेज, स्कूल तो हैं लेकिन शिक्षक नहीं हैं. जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पढ़ता है. चुनाव के समय प्रत्याशी बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही दिल्ली कूच कर जाते हैं. युवा वहीं के वहीं रह जाते हैं. इसिलिए हम इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.
शिक्षा व रोजगार के नाम पर होगा वोट
1952 से लेकर 2014 तक का चुनाव सिर्फ जातिवाद के मुद्दों पर होता रहा है.लेकिन अब नहीं, इस बार शिक्षा व रोजगार के नाम पर वोट होगा. वहीं जिस तरह किशनगंज में इस बार मतदान के प्रति युवा मतदाताओं का जोश जिस तरह से देखने को मिल रहा है, उससे अप्रत्याशित रूप से उलटफेर जरूर हो सकता है.