किशनगंज: आज नवरात्रि का सातवां (Seventh Day Of Navratri) दिन है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजन का विधान है. मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं. वहीं बिहार के किशनगंज जिले में भी धूम-धाम से दुर्गापूजा का आयोजन किया जा रहा है. जिले में करीब 100 से अधिक दुर्गापूजा मंडप है. इन सभी पूजा मंडप में ढाकी खासतौर पर पश्चिम बंगाल (Dhaki of West Bengal) से बुलाये जाते हैं.
ऐसे में पश्चिम बंगाल के मालदा, रामपुर हाट, बालुरघाट, मालबाजार व कई जगह से प्रशिक्षण प्राप्त ढाकी किशनगंज पहुंचते हैं. 4 से 5 दिन के पूजा अनुष्ठान के दौरान ढाक बजाने के लिए ढाकियों को पूजा समितियां 10 हजार से 20 हजार रुपये देती है. नियमानुसार षष्ठी के शाम से ढाकियों के ढाक बजने लगते हैं. विभिन्न देवी-देवताओं की उपासना के लिए विभिन्न वाद्ययंत्र समर्पित हैं.
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जिले में दुर्गोत्सव के दौरान मां दुर्गा की उपासना के लिए विशेष अनुष्ठान के दौरान ढाक बजाया जाता है. मां की आराधना में षष्ठी से विभिन्न चरणों में पूजा अनुष्ठान शुरू होते ही पारंपरिक वाद्ययंत्र ढाक का ताल इस उत्सव में श्रद्धा के रंग भर देता है. मां का आह्वान ढाक के विभिन्न ताल पर होता है और उनके प्रस्थान तक ये लगातार बजते रहेंगे.
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ढाक के ताल और हर दिन के पूजा अनुष्ठान ढाक के अलग-अलग ताल पर की जाती है. दुर्गापूजा की शुरुआत आगमनी पूजा अनुष्ठान से होती है. इसमें मां का स्वागत किया जाता है. इसके बाद विभिन्न दिनों में शारदीय, नवपत्रिका, वरण, बोधन, संधि पूजा, नवमी, उधाव और विसर्जन जैसे अनुष्ठान होते हैं.
ढाकी सुबोल घोष ने बताया कि इन सभी पूजा अनुष्ठान में ढाक के अलग-अलग ताल बजाये जाते है. ढाक के ताल उत्सव, भक्ति और एकजुट होने की प्रेरणा देता है. यही कारण है कि ढाकी पूजा से पहले मिलने वाले खाली समय में जमकर ढाक बजाने का अभ्यास करते हैं. ढाकियों ने बताया कि पूजा की तिथि के बहुत पहले से ढाक बजाने का अभ्यास शुरू होता है.
आपको बता दें कि ढाक एक तालवद्य यंत्र है. जो लकड़ी से बना एक विशाल दृपृष्ठीय ढोल होता है. इसके दोनों पृष्ठ में बनी चाट चमड़े की होती है. इस वाद्ययंत्रों को अधिकतर उत्सव और विशेष रूप से दुर्गापूजा में बजाया जाता है. पश्चिम बंगाल में इसे 'जय ढाक' के नाम से भी जाना जाता है. ढाक बजाते समय इसे कंधे से एक तरफ झुकी हुई अवस्था में लटकाया जाता है. इसके केवल एक ही पृष्ठ को दो मुड़ी हुई डंडियों से बजाया जाता है.