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पश्चिम बंगाल में 91 लाख ठगी, किशनगंज से दो आरोपियों की गिरफ्तारी

किशनगंज पुलिस और बंगाल क्राइम ब्रांच की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 91 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी में एक अधिवक्ता भी शामिल है.

अधिवक्ता गिरफ्तार
अधिवक्ता गिरफ्तार

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Published : Jul 8, 2021, 7:38 AM IST

किशनगंज:बिहार के किशनगंज (Kishanganj) जिले में सदर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. 91 लाख रुपये ठगीमामले में एक अधिवक्ता और उनके सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है. बंगाल क्राइम ब्रांच (Bengal Crime Branch) की टीम ने सदर पुलिस की मदद से यह सफलता हासिल की है.

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बता दें कि अधिवक्ता समीर दुबे पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी (Siliguri Of West Bengal) में अपना परिचय किशनगंज के एडीजे और चीफ ऑक्शन ऑफिसर के रूप में देकर तीन व्यापारियों से ठगी का काम किया था. आरोपी अधिवक्ता ने तीन व्यापारियों से कुल 41 लाख, 45 लाख और 5 लाख रुपये का ठगी किया था. जिसके बाद पीड़ित व्यापारियों ने सिलीगुड़ी के भक्तिनगर थाना में बीते 28 जून को लिखित आवेदन देकर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद बंगाल पुलिस ने मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. इस ठगी मामले में अधिवक्ता के सहयोगी फारुख आलम भी शामिल थे.

देखें रिपोर्ट.

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पश्चिम बंगाल क्राइम ब्रांच मामले का अनुसंधान करते हुए बुधवार की सुबह किशनगंज पहुंची. इसके साथ ही सदर थाने की पुलिस की मदद से व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाने वाले अधिवक्ता और उनके मुंशी को जिला मुख्यालय स्थित पुराना ट्रेजरी ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया.

सिलीगुड़ी के पीड़ित व्यापारी मुकेश सिंघल, अशोक डालमिया और उत्तम अग्रवाल को अधिवक्ता समीर दुबे ने ऑक्शन में सस्ते दामों पर सामान दिलाने का प्रलोभन देकर अपना शिकार बनाया था. बंगाल क्राइम ब्रांच के अधिकारी विश्वजीत घोष (Bengal Crime Branch officer Vishwajit Ghosh) ने बताया कि गिरफ्तार अधिवक्ता समीर सिलीगुड़ी में अपना परिचय एडीजे का दिया था, जबकि सहयोगी फारुख का परिचय उनका पीए के तौर पर दिया था.

दूसरी ओर गिरफ्तार अधिवक्ता समीर का कहना है कि उन्हें इसके बारे कोई जानकारी नहीं है. उन्हें बंगाल पुलिस ने जबरदस्ती बिना किसी नोटिस के ही गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि बंगाल क्राइम ब्रांच की टीम ने किशनगंज न्यायालय के आदेश पर अपने साथ 3 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर सिलीगुड़ी ले गई है.

'गिरफ्तार अधिवक्ता और उनके सहयोगी ने बंगाल में धोखाधड़ी कर कुछ व्यापारियों से पैसों की उगाई की थी. जिसे लेकर बंगाल के भक्ति नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में बंगाल क्राइम ब्रांच दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गए हैं.'-अनवर जावेद, एसडीपीओ

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