खगड़िया (बेलदौर): खगड़िया जिले के शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके तक स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे है. खास कर अलौली और बेलदौर प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्रों का हाल बेहाल है. इस बेहाली को जानकर आप समझ ना पाएंगे कि हाल को देखकर दुखी हों या गुस्सा करें. क्योंकि अस्पताल प्रशासन को लगता है उन्होंने दिए गए संसाधनों के मुताबिक अपनी ओर से सारी सुविधाएं दी हैं. डॉक्टर कहते हैं कि उन्हें गद्दा-तकिया दिया गया है. मरीज के परिजन कहते हैं, ठंडी लगती है. बेड होता तो जरूर बेड पर मरीज को सुलाते.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलदौर दर्जनों महिलाएं लेटी रहती हैं फर्श पर
बेलदौर और अलौली प्रखंड में चल रहे बंध्याकरण शिविर के दौरान ऑपरेशन के बाद महिलाओं को फर्श पर लिटा दिया जाता है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि किस तरीके से बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद दर्जनों महिलाओं को फर्श पर लिटाया गया है. मरीज और परिजन कड़ाके की ठंड और कोरोना संक्रमण के काल में सरकारी सिस्टम और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से काफी नाराज हैं. मरीज के परिजन बताते हैं, बार-बार कहने के बावजूद भी उन्हें बेड नहीं दिया गया. अंततः फर्श पर जगह दी गई.
संसाधनों का है अभावः प्रभारी
बेलदौर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी बताते हैं, हमारे पास संसाधनों का अभाव है. लेकिन जो भी संसाधन हैं, उस हिसाब से हम बेहतर करने का प्रयास करते हैं. लेकिन बंध्याकरण शिविर में जरूरत से ज्यादा लोग आ जाते हैं. जिस वजह से अव्यवस्था हो जाती है. वैसे हमारा प्रयास रहता है कि तमाम लोगों को फर्श पर सोने के लिए बिछावन उपलब्ध करवाया जाए. बहरहाल, सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं संबंधी दावों की पोल खोलने के लिए ये तस्वीर काफी है.