खगड़िया: जिले को विगत 4 माह पहले ओडीएफ घोषित कर दिया गया था. लेकिन इस मामले में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ईटीवी भारत ने ओडीएफ का सच जानने के लिए जिले के मधुआ गांव की पड़ताल की तो सच इससे परे निकला. जिले के इस गांव में सैकड़ों लोगों के पास शौचालय नहीं है. गांव के लगभग 80 प्रतिशत लोगों को अब तक शौचालय निर्माण का पैसा नहीं मिला है.
खगड़िया जिले का मधुआ गांव 4 महीने पहले किया गया था ओडीएफ घोषित
बताया जाता है कि जिला प्रशासन को जिले को कम समय में ओडीएफ घोषित करने की बेचैनी इसलिए हुई थी, क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दौरा पर आए हुए थे. उस समय जिला प्रशासन ने खुद को अव्वल दिखाने के चलते विगत 4 माह पहले ही जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया था. बाकायदा जिला प्रशासन ने इसके लिए विभिन्न पंचायतों में 'शौचालय निर्माण घर का सम्मान' नारे के तहत कार्य भी किया लेकिन जमीनी हकीकत ने इन नारों को तार-तार कर दिया.
खगड़िया सिर्फ सरकारी कागजों पर है ओडीएफ घोषित लाभ राशि मिलने के उम्मीद में बैठे है लोग
गांव के लोगों का कहना है कि हमने जिला प्रशासन की सलाह पर कर्ज लेकर शौचालय का निर्माण करवाया लेकिन प्रशासन की उदासिनता के कारण आज लगभग 2 साल बीतने के बाद भी शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिल पाई है. वहीं , कुछ लोगों का कहना है कि शौचालय निर्माण के लिए 2 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जाती है. जिस कारण हमलोगों का आज तक शौचालय निर्माण नहीं हो पाया है.
रिश्वत मांगने वालों पर होगी कारवाई-डीएम
इस मामले पर जिले के डीएम अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि जिले मे लगभग सभी घरों में शौचालय का निर्माण हो चुका है और जहां किसी कारणवश नहीं हो पाया है वहां जल्द से जल्द निर्माण करवाया जाएगा. वहीं, रिश्वत मामले पर उन्होंने कहा कि अगर शौचालय निर्माण के लिए कोई पैसे की मांग करता है तो उसकी शिकायत सीधे मेरे पास करें. रिश्वत मांगने वालों पर केस दर्ज कर कारवाई की जाएगी.