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एक साल में ही बिगड़ गई चमरू पोखर की सुंदरता, CM का ड्रीम प्रोजेक्ट चढ़ा उदासीनता की भेंट

11 छोटे-छोटे तालाबों को अपने आंचल में समेटे चमरू पोखर की खूबसूरती ऐसी थी कि कटिहार-पूर्णिया पथ से गुजरने वाले लोगों की निगाहें इस तरफ खींची चली जाती थी. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जब इस प्रांगण में पहुंचे तो तलाब और उसके परिसर का रूप देखकर गदगद हो गए थे. लेकिन एक साल के अंदर ही सरकारी उदासीनता के कारण यहां जल जीवन हरियाली योजना के दम तोड़ दिया.

bad condition of chamru pokhar in katihar
चमरू पोखर

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Published : Jan 27, 2021, 2:52 PM IST

कटिहारः एक कहावत है चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात. कुछ ऐसा ही हाल हुआ कटिहार और पूर्णिया जिले की सीमा पर स्थित रौतारा चमरू पोखर का. पिछले साल जनवरी में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण 1 साल के अंदर ही सीएम की इस योजना ने दम तोड़ दिया.

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल जल जीवन हरियाली के तहत पिछले साल पोखर का सौंदर्यीकरण हुआ था. इसका उद्घाटन भी सीएम के हाथों हुआ था. पूरे जिले वासियों के लिए खुशी की बात थी कि जिले में भ्रमण के लिए एक रमणीक स्थल विकसित हो गया और इसके अंदर बच्चों के खेलने कूदने के लिए पार्क बनाया गया. इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया गया था.

बदहल चमरू पोखर

उद्घाटन के बाद बदहाल हुआ पोखर
माना जा रहा था कि यह तलाब जल जीवन हरियाली के लिए आईकॉन होगा. लेकिन 1 साल के अंदर चमरू पोखर की स्थिति बदहाल हो गई और यहां स्थिति 11 उप पोखर भी सूखने लगा है. पार्क में लगे फूल के पौधे सूख चुके हैं. रोशनी के लिए पोखर के मेढ़ पर लगाई गई सात सोलर लाइट की बैटरी मुख्यमंत्री के जाने के बाद खोल दी गयी. अंधेरे की वजह से सोलर लाइट का प्लेट भी चोरी हो गया है.

सीएम द्वारा किया गया उद्घाटन

उद्घाटन के बाद फिर कभी किसी ने इस ओर पलट कर देखने की जरूरत नहीं समझी और आज यह पोखर अपने 1 साल पूर्व के स्थिति में आ चुका है. 14 सौ रुपए प्रतिमाह की वेतन पर चमरू पोखर और उसके मेढ़ पर लगे करीब डेढ़ हजार पेड़ पौधों की रखवाली करने वाले शेख शौराबी भी इसकी स्थिति देखकर मायूस हैं.

शेख शौराबी, केयर टेकर

'पोखर के मेढ़ पर लगे कई चापाकल, सोलर लाइट की बैटरी मुख्यमंत्री के जाने के बाद ही खोल दी गई. अंधरे के कारण कई चीजें चोरी कर ली गई हैं'- शेख शौराबी, केयर टेकर

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पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की थी योजना
एक जगह पर मौजूद 11 तालाब, मत्स्य पालन, नौका विहार और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही गई थी. लेकिन देखरेख के अभाव और सरकारी उदासीनता के कारण ये पोखर और पार्क फिर से बदहाल हो गया है.

11 छोटे-छोटे तालाबों को अपने आंचल में समेटे चमरू पोखर का रूप ही अलग था. आलम यह था कि कटिहार पूर्णिया पथ से गुजरने वाले लोगों की निगाहें इस तरफ खींची चली जाती थी. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जब इस प्रांगण में पहुंचे तो तलाब और उसके परिसर का रूप देखकर गदगद हो गए थे.

योजना के तहत लगाया गया बोर्ड

'पिछले कुछ दिनों में यहां की सुंदरता घटी है और व्यवस्था में भी कमी है. अगर सरकार यहां उचित व्यवस्था करे तो यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है'- सुहानी कुमारी, पर्यटक

सरकारी उदासीनता से लोगों की टूटी आस
जिस पोखर को पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाखों रुपये खर्च कर खूबसूरत बनावाया था. उसकी स्थिति कुछ दिन बाद ही बदहाल हो गई. सरकारी उदासीनता के कारण 1 साल के अंदर ही यहां जल जीवन हरियाली योजना के दम तोड़ने के साथ-साथ लोगों की आस भी टूट गई. जो इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने का सपना देख रहे थे.

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