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कटिहार:पशुपालन विभाग में प्रमाण पत्र के नाम पर धन उगाही, वैक्सीनेटरों ने किया हंगामा

कटिहार जिले में 40 निजी वैक्सीनेटर काम करते हैं और प्रखंड क्षेत्र के सभी जानवरों को वैक्सीन देने का काम करते हैं. सभी वैक्सीनेटर अनुभव प्रमाण पत्र लेने पशुपालन विभाग पहुंचे. जहां विभागीय कर्मचारियों ने धन उगाही करने लगे. जिसके बाद वैक्सीनेटरों ने हंगामा शुरु कर दिया.

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कटिहार पशुपालन विभाग

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Published : Oct 13, 2020, 10:15 PM IST

कटिहार: पशुपालन विभाग में अनुभव प्रमाण पत्र पर धन उगाही को लेकर वैक्सीनेटरों ने हंगामा किया. हंगामा के दौरान प्रशिक्षित कर्मियों ने पशुपालन विभाग के संलिप्त कर्मियों से धक्का-मुक्की हुई. जानकारी के मुताबिक, पशुपालन विभाग के क्लर्क निजी वैक्सीनेटरों से 1 हजार रुपये वसूल रहा था. इस मामले में पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि संबंधित कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.

बताया जा रहा है पशुपालन विभाग निजी वैक्सीनेटर को रखकर उनसे काम ले रहे थे. जिसके बाद सभी वैक्सीनेटर को विभाग के द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र देना था. जिसको लेकर विभाग वैक्सीनेटरों से टालमटोल कर रहा था और प्रमाण पत्र देने के एवज में पशुपालन विभाग के क्लर्क के द्वारा प्रत्येक वैक्सीनेटर से 1 हजार रुपये की डिमांड की गई थी.

कई वैक्सीनेटर प्रमाण पत्र लेने के लिए विभाग को डिमांड की गई राशि दे चुके थे. बावजूद विभाग की ओर से इन वैक्सीनेटरों को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा था. इसके बाद गुस्साए वैक्सीनेटरों ने पशुपालन विभाग के कार्यालय में जमकर हंगामा किया और क्लर्क के साथ धक्का-मुक्की की.

वैक्सीनेटरों ने बताया कि पिछले 10 दिनों से प्रमाण पत्र को लेकर पशुपालन कार्यालय दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन विभाग के कर्मी टालमटोल कर रहे हैं.

अनुभव प्रमाण पत्र बनाने के एवज में पशुपालन विभाग के क्लर्क ने 1000 हजार रुपये का डिमांड किया गया , लेकिन उसके बाद भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है.

वैक्सीनेटर नीतीश कुमार , बरारी प्रखंड

बता दें कि जिले के प्रत्येक प्रखंड में 40 निजी वैक्सीनेटर काम करते हैं और प्रखंड क्षेत्र के सभी जानवरों को वैक्सीन देने का काम करते हैं. पिछले 2 साल से यह लोग पशुपालन विभाग से जुड़े हुए हैं और काम कर रहे हैं , लेकिन अभी भी इनका बकाया राशि नहीं मिल सका है. विभाग से जुड़े वैक्सीनेटर को विभाग अनुभव प्रमाण पत्र देती हैं, लेकिन विभाग कर्मी के द्वारा प्रमाण पत्र देने के एवज में पैसे की डिमांड खुलेआम की जाती है.

डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रशिक्षण में गए थे. जिस कारण यहां कर्मियों की कमी हो गई. प्रशिक्षण के बाद जब वह लौटे तो वैक्सीनेटर को अनुभव प्रमाण पत्र बनाने के लिए कहा गया.

क्लर्क रामबली, पशुपालन विभाग

पशुपालन विभाग के क्लर्क ने बताया कि किसी भी वैक्सीनेटर से पैसा नहीं लिया गया है. इस पूरे मामले में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. आनंदी प्रसाद सिंह ने बताया कि यह मामला में सज्ञान में आया है. इसकी जांच कराने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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