कटिहार: जिले के किसान अब ड्रिप सिंचाई के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. जिससे पानी और बिजली की बचत होगी. साथ ही इससे मिट्टी की उर्वरकता भी प्रभावित नहीं होगी और किसानों को मेहनत भी कम लगेगी. वहीं, फसलों के उत्पादन में भी वृद्वि होगी. बता दें कि ड्रिप सिंचाई के लिए सरकार ने किसानों के लिए अनुदान की व्यवस्था भी की है.
खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल
कटिहार के किसान भी अब बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे हैं और इसी के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. रौतारा पंचायत क्षेत्र में दो-तीन किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि सरकार ने ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को अनुदान देने के लिए भी व्यवस्था की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस प्रणाली को अपनाकर मिट्टी पानी और बिजली की बचत कर सके.
बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे किसान
प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य हर किसान का खेत सींचने के साथ प्रति बूंद अधिक फसल पैदा करने का व्यवस्था करना है. केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई यह योजना अब किसानों के परवान चढ़ने लगा है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चला रखी है. इसमें बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली भी है. जिसमें किसान ड्रिप सिंचाई के जरिए पानी और बिजली की कम खपत और मानव श्रम भी कम लगता है. साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित नहीं होती है. इस तरह से बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है.