कैमूर:चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में अप्रशिक्षित शिक्षकों के ऊपर जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से भेजे गए पत्र के आलोक में कार्रवाई करते हुए नियोजन इकाई की ओर से अप्रशिक्षित शिक्षकों के सेवा को समाप्त करने की प्रक्रिया कभी भी हो सकती है. यह शिक्षा विभाग बिहार पटना के पत्रांक 7 विविध-42-2017-1422 दिनांक 22 अक्टूबर को भेजे गए पत्र में निर्देशित किया गया है. जिसमें लिखा गया है कि अतिरिक्त सचिव ईई- 2 स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के पत्रांक 17-2017 विविध 17 दिनांक 3 अगस्त 2017 की ओर से राज्य के हर प्रारंभिक शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 31 मार्च 2019 तक प्राप्त कर लेना है.
कैमूर: अप्रशिक्षित शिक्षकों के ऊपर लटकी तलवार, कभी भी किए जा सकते हैं सेवा मुक्त
कैमूर में 1 अप्रैल 19 के बाद स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों पर सेवामुक्ति की गाज गिरेगी. कार्रवाई की जद में सरकारी के अलावा गैर सरकारी विद्यालय में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षक भी हैं.
अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा किया जाएगा मुक्त
वहीं, अगर ऐसा नहीं हु तो 1 अप्रैल 2019 के प्रभाव से इनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी. इस पत्र के आलोक में जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से चैनपुर के प्रखंड विकास अधिकारी सह सचिव प्रखंड शिक्षा नियोजन इकाई चैनपुर, पंचायत सचिव सह सचिव पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई चैनपुर को ज्ञापांक 457 दिनांक 2 मार्च 2020 को पत्र के माध्यम से अप्रशिक्षित शिक्षकों कि सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए गए थे. अप्रशिक्षित शिक्षकों के संबंध में जानकारी लेने पर चैनपुर बीआरसी से मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र में कुल 6 अप्रशिक्षित शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं.
लॉकडाउन की वजह से हुई देरी
जिनमें उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय डड़वा में ममता कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय डोभरी में पार्वती कुमारी, मध्य विद्यालय बढ़ौना में दीनदयाल पाठक, मध्य विद्यालय बढ़ौना में राजेश कुमार राय, प्राथमिक विद्यालय घाटी बखारी में हरि नारायण सिंह, न्यू प्राथमिक विद्यालय भालूभूड़न में सतेंद्र सिंह अप्रशिक्षित शिक्षकों में शामिल हैं. उक्त सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों का नियोजन इकाई के की ओर से सेवा समाप्त किया जाएगा. चैनपुर बीडीओ राजेश कुमार ने बताया कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा मुक्त करने से संबंधित प्राप्त पत्र के आलोक में कार्रवाई लाॅकडाउन के कारण रुकी हुई थी. इससे संबंधित विस्तृत जानकारी बीआरसी कार्यालय से मंगवाया गया है. जल्द ही उक्त सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा मुक्त करने के लिए नियोजन इकाई की बैठक कर सेवा मुक्त किया जाएगा.