जमुई: 31 जुलाई को शेखपुरा जेल में बंद नक्सली कमांडर (Naxal Commander) सुरेंद्र यादव ने अपने सहयोगियों के साथ चौरा रेलवे स्टेशन (Chaura Railway Station) को उड़ाने की साजिश रची थी. नक्सलियों की इस धमकी के कारण 4 घंटे तक इस रूट में ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा था. इस घटना को अंजाम देने पहुंचे दो नक्सलियों को लगभग 23 दिनों बाद विस्फोटक के साथ सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार कर लिया है.
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शेखपुरा जेल में बंद हार्डकोर नक्सली कमांडर सुरंग यादव ने जमुई के चौरा रेलवे स्टेशन को उड़ाने की साजिश अपने सहयोगी के साथ मिलकर रची थी. हालांकि सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना के आधार पर नक्सलियों की बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया था. स्टेशन को उड़ाने की धमकी और घंटों परिचालन बाधित होने के इस मामले की पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी. इसी के तहत दो नक्सलियों को विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद नक्सली भैरव यादव उर्फ गेहूमन ने घटना के बारे में स्वीकारते हुए बताया कि शेखपुरा जेल से छूटने के बाद सुनील यादव ने चौरा स्टेशन को उड़ा देने की धमकी देने के लिए 5 हजार रुपये दिये थे.
भाकपा माओवादी संगठन के पूर्व नक्सली कमांडर सुरंग यादव ने 16 जुलाई 2017 को आत्मसमर्पण किया था. बताया जाता है कि लगातार सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई से घबराकर इसने सीआरपीएफ के डीआईजी के समक्ष चरका पत्थर में आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद उसे जमुई जेल में कई साल रखा गया.
वहीं 2019 में उसे सुरक्षा के मद्देनजर शेखपुरा जिले के जेल में रखा गया था. बताया बताया जाता है कि इसी दौरान गिरफ्तार दो अपराधी सुनील यादव और भैरव यादव उर्फ गेहूमन की मुलाकात जेल में ही सुरंग यादव से हुई थी. जिसके बाद सभी ने मिलकर किउल- जसीडीह रेल खंड के चौरा रेलवे स्टेशन को उड़ाने की साजिश रची थी.
चौरा स्टेशन की घटना के बाद पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी. स्टेशन मास्टर से घटना को अंजाम देने वाले शख्स की पुलिया की पहचान के बाद भैरव यादव को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के बाद फिर सुनील यादव की गिरफ्तार किया गया जिसके बाद दोनों ने घटना को अंजाम देने की बात को स्वीकार किया है.- प्रमोद कुमार, एसपी, जमुई