गोपालगंज: बिहार के गोपालगंजजिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बरौली प्रखंड के सलेमपुर में भागर जलाशय है. गोपालगंज का भागर जलाशय (Bhagar Reservoir of Gopalganj) आज किसानों और मत्स्य पालकों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस जलाशय में दुर्लभ प्रजाति के शैवाल पाए जाते हैं. ये शैवाल जलीय जीवों की ग्रोथ में सहायक होते हैं. जो यहां के लोगों के जीविकोपार्जन का जरिया बने हैं. वहीं, भागर जलाशय का दायरा तेजी से सिमट रहा (Area of Bhagar reservoir Shrinking) है. ये यहां के लोंगो की चिंता का विषय बना हुआ है. पहले यह जलाशय 180 एकड़ में फैला था, लेकिन वर्तमान में इसका दायरा सिमट कर 100 एकड़ हो गया है.
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शैवाल में वसा और नाइट्रोजन की प्रचूरता:वहीं, स्थानीय किसान केशव ने बताया कि जलाशय में दुर्लभ प्रजाति के शैवाल पाये जाते हैं. इसे दवन घास के नाम से जाना जाता है. बॉटनी की भाषा में यह एलगी ग्रुप का पौधा है. इसमें वसा और नाइट्रोजन की प्रचूरता होती है. इससे जलीय जीवों की ग्रोथ तेजी से होती है. नाइट्रोजन के कारण पानी में मिठास और ठंडक बनी रहती है. यहां के मछुआरे जलाशय से शैवाल एकत्रित कर प्रति ट्रॉली यानी एक नाव शैवाल 1200 रुपये में बेचते हैं. दूसरे जिले के व्यापारी मछलियों के चारे और दवा बनाने के लिए शैवाल की खरीदी करते हैं.