गोपालगंज: बाढ़ से फसल बर्बाद होने पर बोले किसान- सब हो गया नष्ट, नहीं है कोई सहारा
अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण जिले में 45 हजार हेक्टेयर में लगी फसल का नुकसान हुआ है. अपनी फसल को बर्बाद होते देख किसान काफी परेशान हो रहे हैं. फसल के नष्ट होने से किसानों के आंखों में आंसू है. उनकी उम्मीदें टूटने लगी है.
Farmers upset due to crop destroyed in floods in Gopalganj
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Published : Aug 18, 2020, 10:55 AM IST
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Updated : Aug 18, 2020, 12:30 PM IST
गोपालगंज:जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और नदियों के कारण आई बाढ़ से 45 हजार हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई. इससे किसान काफी परेशान हैं. वो टकटकी निगाहों से खेतों में लगे पानी और बर्बाद फसल को निहार रहे हैं. उनके आंसू निकल रहे हैं कि वो अब आगे क्या करेगें. ये किसान प्रकृति के आगे लाचार और बेबस है. हालांकि सरकारी सहायाता की उम्मीद है.
खेतों में फसल के बर्बाद होने से किसानों की उम्मीदें टूटने लगी है. ये किसान हमेशा ही प्राकृतिक आपदा का शिकार होते हैं. इस बार भी किसानों को हमेशा दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. कभी सुखाड़ तो कभी बाढ़ की समस्या से किसानों को लड़ना पड़ता है. इसके बाद भी इन किसानों के लिए सरकारी सुविधा बहुत ही कम है.
खेतों में लगा पानी
बाढ़ ने सब फसल किया बर्बाद पीड़ित किसानों ने बताया कि इस साल मानसून आने के साथ ही अच्छी बारिश हुई. जिसके कारण धान की रोपनी समय से हो गई. मक्का और गन्ने की फसल भी काफी अच्छी हुई. इससे किसानों में एक उम्मीद जगी कि इस बार फसल अच्छी होगी और पैदवार बढ़ेंगे. किसानों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी, लेकिन किसानों की खुशियां और उम्मीद अधिक दिन तक बरकरार नहीं रही. अत्यधिक बारिश और बाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए 4.5 लाख क्यूसेक पानी से आई बाढ़ ने सब कुछ खत्म कर दिया. सारी फसल पानी में डूब गई.
पेरशान किसान
सरकारी मदद की आस इन किसानों को चिंता सता रही है कि अब साहुकारों का कर्ज कैसे चुकाएंगे और घर कैसे चलेगा. वहीं, सदर प्रखंड के कोटवा गांव निवासी किसान दोष मोहम्मद ने बताया कि वो कर्ज लेकर नातिन की शादी करवाई. जिस कर्ज को खत्म करने के लिए बटाई पर खेत लेकर धान की खेती किया. ताकि फसल होने पर उसे बेचकर कर्ज समाप्त कर सके. लेकिन बाढ़ के कारण सारी योजना पर पानी फिर गया. अब बस सरकारी मदद की आस है.
फसल बर्बाद होने पर किसान की आंखों से छलके आंसू
दोष मोहम्मद ने रोते हुए ईटीवी भारत से अपनी दुखडा सुनाते हुए कहा कि 'कर्जा काढ़ के बटाईया पर खेती किये थे। सोचले रहनी की नाती के शादी में लिहल कर्जा सधा देहब। लेकिन बाढ़ के पानी बर्वाद कर देहलस। अब कहा से कर्ज चुकाइब। खाहु पर आफत बा'
इसके साथ ही किसान दीनानाथ, वशिष्ठ दुबे और ललन यादव ने रुंधे हुए गले से कहा कि सब बर्बाद हो गया. लाखों का कर्ज लेकर खेती किए थे कि आगे चलकर सब सही होगा. लेकिन सब नष्ट हो गया हम सब के पास कोई सहारा नहीं है.
संवाददाता अटल बिहारी पांडेय की रिपोर्ट
अगस्त-सितंबर में होगा अंतिम फसल क्षति का आंकलन बाढ़ के कारण बर्बाद हुई फसल को लेकर कृषि पदाधिकारी वेदनारायण सिंह ने कहा कि पूरे जिले में 01 लाख 60 हजार 835 हेक्टेयर में फसल लगी है. लेकिन बाढ़ और अत्याधिक बारिश के कारण शुरूआती रिपोर्ट में करीब 45 हजार हेक्टयर में लगी फसल का नुकसान हुआ है. अंतिम फसल क्षति का आंकलन अगस्त से सितम्बर में किया जाएगा. जिसके आधार पर किसानों को फसल क्षति का मुआवजा दिया जाएगा.