गया: तिब्बत की आजादी को लेकर दो युवकों ने हिमाचल के धर्मशाला से पद यात्रा पर निकले हैं. गुरुवार को दोनों युवकों ने 1,590 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर बोधगया स्थित तिब्बती मठ पहुंचे. दोनों युवकों का तिब्बत-भारत मैत्री संघ के सदस्यों नें स्वागत किया. ये दोनों बोधगया में दो दिन रुककर सिक्किम के लिए निकल गए. दोनों नाथुला पहुंचकर अपनी पदयात्रा पूरी करेंगे.
दरअसल, तिब्बती समुदाय के लोग तिब्बत की आजादी को लेकर कई दशकों से संघर्ष कर रहे हैं. इसी के तहत 28 वर्षीय दो युवकों ने जन जागरण के लिए देश में 2,100 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले हैं. युवक तेनजिन घोदूंप और तेनजिन नईमा 1,590 यात्रा करके बोधगया पहुंचे.
युवकों ने रखी अपनी मांग
पदयात्रा में शामिल युवक तेनजिन घोदूंप ने बताया कि उनकी मुख्य मांग तिब्बत की आजादी है. लेकिन उनकी दो मांगें और हैं. अपनी मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तिब्बत पूरे एशिया को पानी उपलब्ध करवाता है. लेकिन तिब्बत से निकलने वाली नदियों को चीन डायवर्ट कर रहा है. इसे रोका जा रहा है. इससे तिब्बत के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है. इसपर रोक लगाई जाए. वहीं उन्होंने कहा कि भारत में चीन के सामानों का बहिष्कार होना चाहिए. इन तीन मांगों को लेकर हम पदयात्रा पर निकले हैं. उन्होंने कहा कि वो तिब्बत की आजादी को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
भारत में लाखों की संख्या में तिब्बती शरणार्थी
गौरतलब है कि भारत को चीन से सुरक्षा के लिए तिब्बत की आजादी बहुत जरूरी है. चार दशक पूर्व तिब्बत और भारत में कोई बॉर्डर नहीं था. लेकिन चीनी सैनिकों ने तिब्बत बॉर्डर पर निर्माण कर दिया है. आज भी भारत-तिब्बत मैत्री संबंध मधुर हैं. भारत में लाखों की संख्या में तिब्बती शरणार्थी रहते हैं.