मोतिहारी:पीएमनरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुनानक जयंती के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए ऐतिहासिक घोषणा की है. पीएम ने तीनों कृषि कानून (Three Agricultural Laws) को वापस लेने का ऐलान कर दिया है. इस घोषणा के बाद पूर्वी चंपारण जिले के किसानों ने खुशी का इजहार किया है. मोतिहारी स्थित गांधी संग्रहालय में संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा से जुड़े किसानों ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर अपनी खुशियां मनाई.
यह भी पढ़ें-कृषि कानून वापसी पर लालू यादव का ट्वीट- 'ये किसानों की जीत.. और टूट गया अहंकार'
इस मौके पर माकपा के पूर्व विधायक रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को किसानों की जीत बताया. उन्होंने कहा कि पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की केवल घोषणा की है. लेकिन जब तक एमएसपी को कानूनी संरक्षण नहीं दिया जाएगा. किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
कृषि कानूनों की वापसी पर खुशी वहीं, किसान नेता शंभू शरण सिंह ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान गांधी जी ने किसानों की समस्याओं को लेकर सत्याग्रह किया था. उसी सत्याग्रह से प्रेरित होकर ही कृषि कानून के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन कर रही थी. इसी कारण किसानों को सफलता मिली है. कानून वापस लेने की घोषणा किए जाने के बाद जिला के विभिन्न प्रखंडों के किसानों ने खुशी जाहिर की है. किसानों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाया और लड्डू बांटकर अपने आंदोलन की जीत का जश्न मनाया.
ये भी पढ़ें:कृषि कानूनों की वापसी को तेजस्वी यादव ने बताया किसानों की जीत, सरकार की हार
बता दें के राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी (PM Narendra Modi) आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों के हित के लिए हम यह बिल लाए थे. लेकिन किसानों के एक वर्ग को हम लोग समझा नहीं पाए. इस कानून को वापस लेने के लिए किसान संगठन पिछले 1 साल से लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. उनकी मांग थी कि इस कानून को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. विपक्षी दल भी लगातार आंदोलन कर रहे थे और इस बिल को वापस लेने का दबाव केंद्र सरकार पर डाल रहे थे. सभी बातों के ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने तीनों कानून को वापस लेने का फैसला किया.