दरभंगा: भाजपा नेता सह बिहार विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी (Leader Of Opposition Samrat Choudhary) अपने निजी दौरे पर शनिवार को दरभंगा पहुंचे. जहां उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार उम्र के इस पड़ाव पर हैं कि, अब उन्हें कुछ याद नहीं रहता है. सैद्धांतिक तौर पर राजनीति से अप्रासंगिक हो चुके हैं. वहीं, उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव एक बड़ा निर्णय बताएं, जो तीन महीने की सरकार ने निर्णय लिया हो.
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'नियुक्ति पत्र वो उन्हीं को दे रहे हैं, जिसका रिजल्ट अगस्त से पहले आ गया था. चाहे वो पशुपालन विभाग का मामला हो, चाहे राजस्व कर्मचारियों का मामला हो, उर्दू शिक्षकों की बहाली हो या फिर आगे आने वाली शिक्षकों की बहाली का. सारी प्रक्रिया एनडीए की सरकार ने किया. ये सारा फसल एनडीए सरकार ने लगाई. अब ये लोग उस फसल को काटने का प्रयास कर रहे हैं. बिहार की जनता सब कुछ जान रही है. यहां की जनता को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है.'- सम्राट चौधरी, नेता विपक्ष, बिहार विधान परिषद
सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर साधा निशाना :नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि ये लोग विकास क्या करेंगे. इन लोगों को विकास से कोई मतलब नहीं है. अगर इन्हें विकास करना होता तो पांच महत्वपूर्ण विभाग एक ही व्यक्ति के पास नहीं होता. सभी विभागों में काम करने के लिए अलग-अलग लोग लगाए जाते. लेकिन तेजस्वी यादव को किसी पर भरोसा नहीं है, बिहार के नेताओं पर. आगे कहा कि तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय जनता दल के किसी नेता पर भरोसा नहीं है. सिर्फ अपने आप पर भरोसा है.
सम्राट चौधरी ने डिप्टी सीएम पर कसा तंज :उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार को भाजपा ने ही मुख्यमंत्री बनाया और दोनों ने दगा दिया. अब भाजपा का अपना मुख्यमंत्री होगा. 2024 और 25 में जनता आपको जवाब देगी. वहीं, राजद और जदयू के विलय के सवाल पर सम्राट चौधरी ने कहा कि राजद में तेजस्वी यादव किसी भी पद पर नहीं हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी हैं, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह हैं. राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी हैं. लेकिन कोई पद पर नहीं रहने वाला व्यक्ति, को यह अधिकार दिया गया की वह पार्टी का झंडा बदल सकता है.
नेता विपक्ष ने राजद पर बोला करारा हमला :इस पार्टी का नाम बदल सकते हैं. ऐसी पार्टी लोकतांत्रिक नहीं हो सकती, क्योंकि वहां के राजा का बेटा, लालू प्रसाद यादव जी राजा है. और श्रीमती राबड़ी देवी जी रानी हैं, उनके बेटा होने के चलते, उनको यह दायित्व मिला है, तो राजद लोकतांत्रिक पार्टी हैं नहीं. इसलिए हम लोगों का प्रश्न है, कि जिस पार्टी ने यह प्रस्ताव लिया तो वह जरूर कोई ना कोई खेला करने वाला है. अब नीतीश जी को बारे में हमने तो शुरू में ही कहा कि वह अब अप्रासंगिक हो चुके हैं. तो कोई ना कोई विलय का प्रस्ताव, या एक दूसरे के पाटी में विलय का प्रस्ताव आ सकता है. यह सुशील मोदी जी ने कहा होगा.