दरभंगा: मिथिला की पहचान मखाना को 'बिहार मखाना' (Bihar Makhana) के नाम से जीआई टैग दिए जाने के बिहार सरकार के अनुमोदन का विरोध शुरू हो गया है. मिथिला इलाके की कई संस्थाओं ने केंद्र और बिहार सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में दरभंगा के विद्यापति सेवा संस्थान ने 29 नवंबर को दिल्ली में संसद के घेराव का ऐलान किया है.
ये भी पढ़ें-भारत सरकार की योजना का दिखा असर, मखाना की खेती से लाखों कमा रहे किसान
दरभंगा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि 'बिहार मखाना' नाम से जीआई टैग देकर सरकार मिथिला का अपमान कर रही है. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि मिथिला की पहचान पान, मखाना और मछली है. मखाना मिथिला की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है और यह मिथिला में सबसे ज्यादा पैदा होता है, इसलिए इसका नाम मिथिला मखाना होना चाहिए न कि बिहार मखाना.
''मिथिला के लोगों की वजह से ही इस बार बिहार में एनडीए की सरकार बनी थी. हाल ही में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में जो उपचुनाव हुए हैं, उनमें भी एनडीए के विधायक जीत कर आए हैं. इसके बावजूद बिहार सरकार मिथिला के लोगों का अपमान कर रही है. अब बिहार सरकार से बात नहीं करेंगे और इस मामले में केंद्र से ही सवाल-जवाब करेंगे. उन्होंने कहा कि आगामी 29 नवंबर को इस मुद्दे को लेकर वो दिल्ली में संसद का घेराव करेंगे.''-बैद्यनाथ चौधरी बैजू, महासचिव, विद्यापति सेवा संस्थान, दरभंगा
ये भी पढ़ें-मिथिलांचल के किसान अब तालाबों के अलावा खेतों में भी उपजा रहे मखाना, वैज्ञानिक से जानें इसकी तकनीक
बता दें कि हाल ही में बिहार सरकार के अधिकारियों ने यह कहा था कि मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग दिया जा रहा है और इसको लेकर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. दरअसल, बिहार मखाना नाम का प्रस्ताव पूर्णिया की एक संस्था ने जीआई टैग के लिए भेजा था, जिसका समर्थन भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय ने भी किया था. एक साल पहले इस खबर के आने के बाद मिथिला के जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था. इसके बावजूद बिहार सरकार ने मखाना के जीआई टैग के लिए बिहार मखाना नाम को मंजूरी दी है. बिहार सरकार के इस फैसले का मिथिला में जबरदस्त विरोध हो रहा है.