दरभंगा: लोकसभा चुनाव के इस माहौल में राजनीतिक दिग्गज विकास को लेकर दावे तो बड़े-बड़े करते हैं. लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही देखने को मिलती है. जिले में स्थित एक पंचायत के कई गांव आज भी नाव से नदी पार कर शहर जाते हैं. गांव वाले नाव से ही वोट देने भी जाते हैं. नदी पर पुल नहीं होने से ग्रामीण खासे नाराज हैं.
मामला जिले के हायाघाट प्रखंड की सिरिनिया और विलासपुर पंचायत का है. इस पंचायत में रह रहे हजारों लोगों की ज़िंदगी नाव पर ही चल रही है. ये गांव समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र में आता है. यहां 29 अप्रैल को चुनाव है. इस पंचायत में दो हज़ार से ज्यादा मतदाता हैं. सभी अपनी जान पर खेल कर 29 अप्रैल को वोट देने जाएंगे. इस समस्या को लेकर ग्रामीणों में अपने प्रतिनिधि के प्रति रोष व्याप्त है.
स्कूली बच्चे और मरीजों को होती है परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2001 की बाढ़ में अधवारा नदी ने अपना रास्ता बदल लिया. इसके पहले यहां सुगम रास्ता था. लेकिन अब रास्ते पर नदी बहने लगी है. नदी के अलावा दूसरे रास्ते से जाने में 25 से 30 किमी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है. बच्चों को स्कूल जाने और किसी बीमार को इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीण और लोजपा नेता आरके चौधरी का बयान नाव से ही वोट देने जाते हैं ग्रामीण
इसके साथ ही नाव चलाने वाले नाविक मो. अशरफ का कहना है कि मतदान के दिन 24 घंटे नाव लेकर तैयार रहना पड़ता है. कर्मियों और दो हजार वोटरों को ले जाने और वापस लाने की जिम्मेवारी रहती है. यहां कोई सरकारी नाव नहीं है. ग्रामीणों के आपसी चंदा से नाव चलाते हैं. वहीं, लोजपा के प्रदेश महासचिव आरके चौधरी ने कहा कि सांसद महोदय ने यहां के लोगों के लिए पुल बनाने की पहल की है. पुल जल्द ही बन जायेगा.