बक्सर: 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना' ये पंक्तियां अंत्योदय सेवा संस्थान के संयोजक के गट्टू तिवारी पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दरअसल, यहां पर एक अल्पसंख्यक समुदाय के कुर्बान अंसारी कैंसर से जुझ रहे हैं. इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कुर्बान अंसारी को खुन चढ़ाना जरूरी बताया. जिसके बाद संस्थान के पहल अभिषेक कुमार नामक युवक ने रक्तदान कर कुर्बान अंसारी की जान बचाई.
अच्छी पहल: कैंसर पीड़ित पिता की मदद की के लिए विदेश से लगाई गुहार, हिन्दू युवक ने रक्तदान कर बचाई जान
बक्सर में एक हिन्दू युवा ने अल्पसंख्यक समुदाय के कैंसर पीड़ित मरीज की रक्तदान कर जान बचाई. इसके बाद मरीजों के परीजनों ने कहा कि भारत में अभी इंसानियत जिंदा है.
'कतर से लगाई मदद की गुहार'
दरअसल, बक्सर के भरखरा गांव के निवासी कुर्बान अंसारी कैंसर से पीड़ित है. उनका इलाज कुछ महीनों से बनारस चल रहा था. कुछ दिन पूर्व वे गांव आए. लेकिन, लॉकडाउन के कारण वे गांव मे ही फंस गए. जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. तबियत खराब होने के बाद उनके परिजनों ने उन्हें चौसा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने ब्लड चढ़ाने को कहा. मामले पर अंत्योदय सेवा संस्थान के संयोजक गिट्टू तिवारी ने बताया कि कुर्बान आंसारी का बेटा कतर देश में रहकर काम करता है. उसने कॉल कर मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद रक्तदान कर पीड़ित की जान बचाई गई.
'देश में इंसानियत अभी भी जिंदा है'
रक्तदान के बाद कुर्बान अंसारी के परिजन और कतर में रह रहे उनके बेटे ने अंत्योदय सेवा संस्थान के संयोजक और रक्तदान करने वाले अभिषेक का आभार प्रकट करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में जिस तरह से हमारी मदद की गई. उसके लिए मैं संस्थान का सदा आभारी रहूंगा. वहीं, कैंसर पीड़ित के बेटे ने बताया कि भारत पूरे विश्व में सबसे प्यारा और अनूठा है. यहां अनेकता में भी एकता है. देश में इंसानियत अभी भी जिंदा है. अंत्योदय सेवा संस्थान की यह पहल सराहनीय है.