बक्सर:केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 1 लाख से 10 लाख की जनसंख्या वाले 382 शहरों की स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है. जिसमें बक्सर को 381वां स्थान प्राप्त हुआ है. जिसके चलते बक्सर को देश का दूसरा सबसे गंदा शहर का दर्जा प्राप्त हो गया है. वहीं, इस रिपोर्ट में बिहार के 6 शहरों के नाम शामिल हैं. जिसमें गया, बक्सर, भागलपुर, पारस बाजार, बिहार शरीफ और सहरसा का नाम शामिल हैं.
हर महीने खर्ज होते हैं लाखों रुपये
बता दें कि प्रत्येक महीने 34 लाख रुपये बक्सर शहर की साफ सफाई पर खर्च किये जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी नगर में चारों तरफ कूड़े का अंबार लगा रहता है. बक्सर नगर परिषद के लापरवाह अधिकारियों ने गंगा नदी से 50 मिटर की दूरी पर ही शहर के बीचों-बीच कूड़े का डंपिंग यार्ड बना दिया है, जिसके चलते उसके आस-पास रहने वाले लोगों को खासी परेशानी होती है. वहीं, गंगा के तट पर बसे 46 शहरों की सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी बक्सर दूसरा सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है. जबकि, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर को गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है.
बीजेपी नेता के हवाले है जिम्मेदारी
बक्सर नगर परिषद क्षेत्र की साफ-सफाई की जिम्मेदारी अधिकारियों ने बीजेपी नेता विंध्याचल पाठक और पटना के रौशन राय को दे रखी है. जिसके एवज में प्रत्येक महीने शहर की साफ-सफाई के लिए नगर परिषद की ओर से 34 लाख रुपये का भुगतान भी किया जाता है. लेकिन हर महीने इतने पैसों से साफ-सफाई कितनी होती होगी वो इस रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है. वहीं, सत्ताधारी दल के नेता के पास शहर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी होने के बाद ना तो कोई अधिकारी और ना ही जन प्रतिनिधि इसका विरोध कर पाता है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
बक्सर शहर को देश का दूसरा सबसे गंदा शहर का दर्जा मिलने के बाद सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि देश और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार का यह वार्षिक परीक्षाफल का रिपोर्ट कार्ड है, जिसने पूरे बिहार को शर्मसार कर दिया है. उन्होंने कहा की सरकार भी बीजेपी की और शहर की साफ-सफाई के लिये ठेकेदार भी बीजेपी का, लेकिन फिर भी बक्सर शहर ने देश का दूसरा सबसे गंदे शहर का दर्जा प्राप्त किया है. गौरतलब हो कि आगामी चुनाव से पहले भारत सरकार के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी इस रिपोर्ट के बाद विपक्षी पार्टी के नेता सरकार पर हमलावर है, तो अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है.