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आयुष डॉक्टरों के भरोसे है दाउदनगर पीएचसी, MBBS डॉक्टर रहते हैं नदारद

स्थानीय निवासी बताते हैं कि यहां कोई आना नहीं चाहता. मजबूरी में ही लोग अपने मरीज को यहां लाते हैं. लेकिन उन्हें भी इलाज नहीं मिलता. उनके अनुसार इमरजेंसी पूरी तरह से ठप है. ओटी रूम को जैसे-तैसे एएनएम के सहारे चलाने की कोशिश की जा रहा है.

पीएचसी में मरीज

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Published : Jun 22, 2019, 9:58 AM IST

Updated : Jun 28, 2019, 1:30 PM IST

औरंगाबादः जिले के दाउदनगर अनुमण्डल मुख्यालय में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज कल आयुष डॉक्टर के सहारे चल रहा है. यहां एमबीबीएस डॉक्टर की कमी है. यहां सात एमबीबीएस डॉक्टरों का स्वीकृत पद है. लेकिन डॉक्टर एक ही हैं वो भी पीएचसी प्रभारी अक्सर जिला मुख्यालय में ही रहते हैं. मरीज आते हैं और वापस चले जाते हैं. जो नहीं जाते हैं उन्हें रेफर कर दिया जाता है. हालांकि डॉक्टर चमकी बुखार होने की स्थिति में हालात से निबटने का दावा कर रहे हैं.

इमरजेंसी सेवा भगवान भरोसे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर में इमरजेंसी सेवा तो बिल्कुल ही भगवान भरोसे है. यहां पदस्थापित एक मात्र नियमित एमबीबीएस चिकित्सक डॉक्टर यतेंद्र कुमार हैं. जिन्हें हॉस्पिटल प्रभारी भी बनाया गया है. वह हमेशा हॉस्पिटल से बाहर ही रहते हैं. हालांकि प्रतिनियुक्ति पर दो अन्य डॉक्टर डॉ विमलेंदु और डॉ अरुण को लाया गया है. यह दोनों भी एमबीबीएस डॉक्टर हैं. लेकिन यह भी सप्ताह में दो दिन ही आते हैं. दो आयुष चिकित्सक हैं जिनमें एक अनिल कुमार और एक अबू हेयान हैं. डॉ अनिल कुमार के अनुसार प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो सौ मरीज ओपीडी में अपना इलाज कराने आते हैं.

पीएचसी में सेवाओं की सूची

परिजनों का क्या है कहना
दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इस समय डॉक्टरों का टोटा लगा हुआ है. यहां आयुष डॉक्टर के सहारे पूरा हॉस्पिटल चल रहा है. जिसके कारण अक्सर मरीज यहां से वापस लौट जाते हैं. या जो भी मरीज आते हैं अधिकतर को रेफर ही किया जाता है. स्थानीय निवासी बताते हैं कि यहां कोई आना नहीं चाहता. मजबूरी में ही लोग अपने मरीज को यहां लाते हैं. लेकिन उन्हें भी इलाज नहीं मिलता. उनके अनुसार इमरजेंसी पूरी तरह से ठप है. ओटी रूम को जैसे-तैसे एएनएम के सहारे चलाने की कोशिश की जा रहा है.

पीएचसी में ऐंबुलेंस

हॉस्पिटल में हैं 12 बेड की व्यवस्था
स्वास्थ्य केंद्र के महिला वार्ड में 6 बेड और पुरुष वार्ड में छह बेड हैं. पीएचसी में 6 शौचालय हैं. जिसमें 4 मरीजों के लिए हैं. दो हैंडपंप है नल की भी व्यवस्था है पर पानी कभी-कभी ही रहता है. एंबुलेंस के नाम पर एक एंबुलेंस है जो चालू हालत में है और एक अन्य एंबुलेंस अनुमण्डल हॉस्पिटल से लाया गया है. एंबुलेंस चालक सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि एंबुलेंस उनकी ठीक कंडीशन में है. एसी ठीक से काम कर रहा है. इसके अलावा फर्स्ट एड की भी सुविधा उनके एंबुलेंस में है. उन्होंने बताया कि अगर कहीं से फोन आता है तो तत्काल उस मरीज को लाने जाते हैं. जहां तक एंबुलेंस की पहुंच पथ है वहां तक वे जरूर पहुंचते हैं.

पीएचसी में व्याप्त अव्यवस्था और बयान देते परिजन और बयान

एक लाख की आबादी होती है प्रभावित
यह पीएचसी अनुमण्डल मुख्यालय पर होने के कारण आसपास के दर्जनों गांव जुड़े हुए हैं. जहां लोग इलाज कराने आते हैं. इन गांवों की लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित होती है. इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम अर्थात पीएचसी में इतनी कमियां होते हुए भी डॉक्टर चमकी बुखार से निपटने की तैयारी का दावा कर रहे हैं. चमकी बुखार से लड़ने के लिए उनके पास पर्याप्त साधन है. हॉस्पिटल में मौजूद डॉ अनिल कुमार बताते हैं कि अगर इस क्षेत्र में इस तरह की बीमारी होती है तो उसका इलाज दाउदनगर पीएचसी में सम्भव होगा.

15 सब पीएचसी जुड़े हैं इस पीएचसी से
दाउदनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से 15 उप स्वास्थ्य केंद्र जुड़े हैं. महावर, शमशेर नगर,अरई, चौरीं, जमुआवां, संसा, एकौनी, मखरा, तरार इमामगंज, जिनोरिया, देवकली, बेलवां, खैरा, अंछा और मनार उपकेंद्र इसी केंद्र से जुड़ा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो दाउदनगर पीएचसी से 15 उप स्वास्थ्य केंद्र जुड़े होने के बाद भी यहां एक मात्र एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ हैं. यहां छह एमबीबीएस डॉक्टर का पद खाली है. जिसे जल्द से जल्द भरे जाने की जरूरत है.

Last Updated : Jun 28, 2019, 1:30 PM IST

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