औरंगाबाद: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन में छात्रों के सिलेबस को पूरा करना चुनौती बन गया है. स्कूल बंद होने के बाद छात्रों की पढ़ाई बाधित हो गई हैं. इन हालातों में ग्रामीण युवक आनंद कुमार शिक्षा की अलख जगा रहे हैं.
सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए शिक्षा
दरअसल जिले के बारुण प्रखंड के पिपरा गांव में आनंद कुमार ने मोर्चा संभाला. उन्होंने बच्चों के सिलेबस को पूरा कराने का काम शुरू कर दिया. आनंद ने अपने खर्चे से बोर्ड खरीदकर गली में ही सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है.
पहल से बच्चे और अभिभावक दोनों खुश
लॉकडाउन के बाद स्कूल-कॉलेज सितंबर तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. ऐसी स्थिति में जिन गरीब बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे, वैसे बच्चे पढ़ाई में पिछड़ने लगे. ऐसी स्थिति में आनंद ने इन बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाया. आनंद की पहल से बच्चे और उनके अभिभावक दोनों ही खुश हैं.