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इलाज के अभाव में शिक्षिका की मौत, सैकड़ों शिक्षकों के सामने भुखमरी की स्थिति

भोजपुर जिले के एक पदस्थापित नियोजित शिक्षिका की समय पर वेतन नहीं मिलने तथा समुचित इलाज के अभाव में मौत हो गई. पीड़ित परिवार से मिलने गया शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के चलते समय पर वेतन नहीं मिल पाता, जिससे सैकड़ों शिक्षकों के सामने भुखमरी की स्थिति है.

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समुचित इलाज के अभाव में शिक्षिका ने तोड़ा दम.

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Published : Jul 12, 2020, 9:09 PM IST

भोजपुर: जिले के पीरो अनुमंडल के मध्य विद्यालय सारोपुर में पदस्थापित नियोजित शिक्षिका मीना कुमारी ने समुचित इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. समय पर वेतन नहीं मिलने और किसी तरह की सरकारी सहायता का प्रावधान नहीं होने से शिक्षिका का परिवार आर्थिक अभाव से जुझ रहा था. यह बातें बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष पंकज कुमार सिंह मंटू ने मृत शिक्षिका के परिवार से मुलाकात के बाद जारी प्रेस बयान में कही.

सरकार की गलत नीतियों के चलते नहीं मिल रहा समय से वेतन

प्रतिनिधि मंडल में शामिल संघ के पीरो अध्यक्ष गोरखनाथ सिंह एवं सचिव महिपाल सिंह ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण नियोजित शिक्षकों को देय अल्प वेतन का भुगतान कभी समय पर नहीं हो पाता है. ऐसे में पैसे के अभाव में शिक्षकों को अपनी जान गवानी पड़ रही है. मध्य विद्यालय सारोपुर की शिक्षिका मीना कुमारी की मौत लंबी बिमारी के बाद हो गई. संघ के पदाधिकारी उनके गांव पीरो प्रखण्ड के जैसीड़ीह जाकर उनके पति विजय राय एवं उनके पुत्र से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की.

समुचित इलाज के अभाव में शिक्षिका ने तोड़ा दम.

शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन है सरकार

शिक्षक नेताओं ने कहा कि शिक्षकों को ससमय वेतन भी सरकार नही दे पा रही है. सरकार चुनाव को देखते हुए सेवा-शर्त का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन नियोजित शिक्षक सरकार के झांसे में आने वाले नहीं है. आने वाले चुनाव में सरकार का जमकर विरोध किया जाएगा. श्री मंटु ने कहा कि सरकार शिक्षकों के प्रति संवेदनहीन हो गई है. ससमय वेतन नहीं मिलने से सैकड़ों शिक्षकों के सामने भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. शिक्षक परेशान है, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है.

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