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भोजपुरः MLA ने पोलियो ड्राप पिलाकर किया टीकाकरण का शुभारंभ, कहा- बच्चों को जरूर दें 'दो बूंद जिंदगी की'

बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा क्षेत्र के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये.

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Published : Nov 30, 2020, 12:27 PM IST

भोजपुरःप्रखंड क्षेत्र के मनीछापरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने फीता काटकर पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया. इस दौरान विधायक ने नवजात शिशु को पोलियो ड्राप पिलाकर टीकाकरण की शुरूआत की.

डोर टू डोर जाएंगी आशा और आंगनबाड़ी सेविकाएं
अंतर्राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रखंड क्षेत्र के सभी एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा डोर टू डोर जाकर 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की “दो बूंद” दवा पिलाई जाएगी. इसके अलावे जिले के विभिन्न चौक-चौराहों पर भी दवा पिलाने के लिए जिले में ट्रांजिट टीम बनाई गई है.

ईंट भठ्ठा व घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में भी दवा की पहुंच बनाने के लिए मोबाइल टीम तैयार की गई है. सभी टीम की निगरानी के लिए पर्यवेक्षको की टीम भी बनाई गई हैं. हर टीम पर एक पर्यवेक्षक बनाया गया है.

0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को मिलेगी दवा
चिकित्सा प्रभारी डॉ.अरविन्द कुमार ने बताया कि पोलियो एक गंभीर बीमारी है जो किसी व्यक्ति के शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है. चूंकि छोटे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है. इसलिए उसे इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है. इसे होने से पहले ही खत्म कर देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है.

पूर्व मंत्री और बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा क्षेत्र के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें पोलियो की दवा पिलाकर अभियान को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये.

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सोशल डिस्टेंसिंग का करना होगा पालन
डब्लूएचओ के एसएमओ अनिल कुमार ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड-19 संक्रमण काल से बचाव का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

इसके लिए सभी कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग, चेहरे पर मास्क व हाथों में ग्लव्स पहनने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए नवजात शिशुओं को पोलियो की दवा पिलाने के बाद बच्चों के हाथों में किसी भी तरह का कोई निशान नहीं लगाना है.

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