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NTA की ओर से NEET परीक्षा की तारीख घोषित, बच्चे और अभिभावकों की बढ़ी चिंता

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट परीक्षा की घोषणा कर दी गई है. इस कोरोना महामारी के समय में एग्जाम को लेकर छात्र और उसके अभिभावक परेशान हैं. छात्र-छात्राओं ने परीक्षा देने को लेकर होने वाली परेशानियों के बारे में बताया.

Students and their parents are upset with the announcement of NEET exam date
Students and their parents are upset with the announcement of NEET exam date

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Published : Aug 24, 2020, 12:57 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 3:43 PM IST

भागलपुर:नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट एग्जाम को लेकर डेट घोषित कर दी है. इस कोरोना महामारी के समय में परीक्षा की घोषणा से छात्र और उसके अभिभावक काफी परेशान हैं. छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि जब अवागमन का कोई समुचित साधन नहीं है तो किस तरह से एग्जाम दिया जाएगा.

बता दें कि मार्च के आखिरी सप्ताह से कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया. इससे कई परीक्षाओं के डेट्स भी आगे बढ़ते गए. उसी में जेईई मेंस और नीट की भी परीक्षा का डेट आगे बढ़ा. लेकिन 3 जुलाई 2020 को एनटीए की ओर से जारी नोटिस में कहा गया कि 1 से 6 सितंबर के बीच जेईई मेंस की परीक्षा और 13 सितंबर को नीट की परीक्षा ली जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

छात्र-छात्राओं ने बताई परेशानी
इस लॉकडाउन में परीक्षा को लेकर छात्रों ने बताया कि ट्रेन चल नहीं रही है. जाने आने का साधन नहीं है तो दूसरे शहर जाकर परीक्षा कैसे देंगे. अगर परीक्षा समय पर ही लेना है तो परीक्षा वाले दिन स्पेशल ट्रेनें चलानी चाहिए. वहीं, छात्र-छात्राओं को रहने की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए. 2 सालों से परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा नंदिनी गुप्ता ने कहा कि एग्जाम की तारीख की घोषणा हो गई है और उनका सेंटर पटना पड़ा है. लेकिन पटना जाएंगे कैसे ? वहां जाने के लिए ना कोई ट्रेन चल रही है और ना ही बस है. यदि वहां पहुंच भी जाएंगे तो रहने और खाने की व्यवस्था नहीं है. होटल और रेस्टोरेंट बंद हैं.

लोकल स्तर पर परीक्षा की व्यवस्था करवाने की मांग
इन छात्रों के अभिभावकों ने चिंता जताते हुए कहा कि इस महामारी के समय में सरकार को परीक्षा लोकल स्तर पर करवाने की व्यवस्था करनी चाहिए. या फिर सरकार को एग्जाम का डेट आगे बढ़ाना चाहिए. क्योंकि ऐसी स्थिति में जो सक्षम छात्र हैं वो तो अपने निजी साधन से चले जाएंगे. लेकिन कई छात्र हैं जिनके पास अपने निजी साधन नहीं हैं. वो कैसे जाएंगे. उनका मेहनत बर्बाद हो जाएगा. वहीं, परीक्षा देने वाले छात्र तो बच्चे ही हैं. अभिभावक उन्हें अकेले दूसरे शहर जाने नहीं देंगे. अगर महामारी का प्रकोप कम हो जाता है तो जरूर परीक्षा लेना चाहिए.

Last Updated : Sep 19, 2020, 3:43 PM IST

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