भागलपुर: जिले के जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल को आइसोलेशन वार्ड में बदलने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. राज्य सरकार से आदेश मिलने के बाद जेएलएनएमसीएच को पूरी तरह से कोरोना मरीज के लिए बदलने की प्रक्रिया बुधवार को शुरू हो गई. अस्पताल में वार्ड को तैयार किया जा रहा है. साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था होने तक इमरजेंसी सेवा मायागंज अस्पताल में जारी रहेगी. अन्य विभागों को सदर अस्पताल में शनिवार तक शिफ्ट कर दिया जाएगा.
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वार्ड बनाए जाने की तैयारी शुरू
अस्पताल प्रशासन ने सभी जिले के डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि रात में कोई भी कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध को इलाज के लिए न भेजें. वहीं, बुधवार से अस्पताल में इमरजेंसी को छोड़कर किसी भी मरीज को भर्ती नहीं लिया जा रहा है.
50 वेंटिलेटर की बढ़ाई जा रही व्यवस्था
बता दें कि मायागंज अस्पताल में 900 बेड हैं, इसमें 40 बेड इमरजेंसी के हैं. अस्पताल में 2 ओटी एक जेनरल और एक मेटरनिटी है और 27 पेइंग बेड हैं. वहीं, 30 बेड इमरजेंसी में बढ़ाए जा रहे हैं. कोरोना वायरस के मरीजों के लिेए अलग आईसीयू है. अस्पताल में कोरोना के मरीज और इमरजेंसी में इलाज के लिए अलग-अलग डॉक्टर रहेंगे. अस्पताल में तीन प्रमंडल के जिलों के कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध मरीज को इलाज के लिए रखा जाएगा. वहीं, सदर अस्पताल में 26 एंबुलेंस है 50 वेंटिलेटर की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है.
इमरजेंसी के अलावा किसी भी मरीज को नहीं कर रहे भर्ती
अस्पताल में 12 वेंटिलेटर के अलावा 200 बड़ा और 100 छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. सदर अस्पताल में 27 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है 20 सिलेंडर और मंगाए जा रहे हैं. वहीं, मायागंज अस्पताल में भर्ती सभी रोगियों को नालंदा के पावापुरी अस्पताल में शनिवार तक शिफ्ट कर दिया जाएगा. अस्पताल प्रशासन ने सभी जिले के डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि रात में कोई भी कोरोना पॉजिटिव या संदिग्ध को इलाज के लिए न भेजें. प्रसव कराने आए मरीज को भागलपुर के सदर अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. वहीं, बुधवार से अस्पताल में इमरजेंसी को छोड़कर किसी भी मरीज को भर्ती नहीं लिया जा रहा है.