बेगूसराय:तीन नवंबर को बेगूसराय में मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम का बटन दबाकर करने वाले हैं. बेगूसराय में कुल सात विधानसभा सीट है और सभी सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. मटिहानी भी उन सात सीटों में से एक है. जहां इस बार मुकाबला बेहद ही दिलचस्प होने वाला है.
दिग्गजों की अग्नि परीक्षा
इस सीट पर ना सिर्फ नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है. बल्कि बिहार की राजनीति में दबंग विधायक की छवि रखने वाले नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह की भी अग्नि परीक्षा होने वाली है. पिछले 15 सालों से मटिहानी के विधायक रहने वाले जदयू के नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह राजनीति में एक जाना माना नाम है. जिस को परास्त करने के लिए लोजपा ने मशहूर कामदेव सिंह के पुत्र राजकुमार सिंह को मैदान में उतारा है.
बिजनेस बनाकर दौलत कमाने का आरोप
बिजनेसमैन से राजनीति में कदम रखने वाले राजकुमार सिंह मटिहानी में सड़क, बिजली, पानी, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा में पिछड़े होने का दावा कर रहे हैं. वहीं विधानसभा को आगे ले जाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं और इन्हीं मुद्दों पर अपने विरोधी को घेरने का भी काम कर रहे हैंं. इतना ही नही उनपर राजनीति को बिजनेस बनाकर दौलत कमाने का आरोप भी लगा रहे हैं.
सीट पर जदयू का कब्जा
मटिहानी विधानसभा कभी कम्युनिस्टों का गढ़ माना जाता था. पर बदलते राजनीतिक समीकरण में यह किला ढह गया और पिछले 15 सालों में इस सीट पर जदयू का कब्जा है. इस सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने का आसार है. इस बार की लड़ाई में एक तरफ जहां बोगो सिंह पैर जमाये हुए हैं. वहीं महागठबंधन से सीपीएम के उम्मीदवार पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह और लोजपा से राजकुमार सिंह मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं.
विकास के दावों को नकारा
आरोप-प्रत्यारोप के बीच राजकुमार सिंह सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ, शिक्षा और रोजगार के मामले में बोगो सिंह के विकास के दावों को नकारते हुए उनपर 15 साल में मटिहानी को पीछे धकेलने का दावा कर रहे हैं. राजकुमार सिंह ने बताया कि बिजनेसमैन से राजनीति में आकर पहली बार चुनाव लड़ना उन्हें बहुत ही अच्छा लग रहा है. इनका मानना है कि मटिहानी विधानसभा में विकास के सारे आयामों को छूना उनकी प्राथमिकता है.
भ्रम फैलाने का काम
मटिहानी की जनता को पिछले 15 सालों से ठगने का काम किया गया है. यहां के लोगों को कंबल, साड़ी, नारियल कभी-कभी बांटकर भ्रम फैलाने का काम किया है. जिसे तोड़ने के निश्चय के साथ वो मैदान में हैं. इनका मानना है कि जनता अब इस भ्रम को समझ चुकी है और इस बार अपने बेटे और भाई राजकुमार सिंह को क्षेत्र के विकास के लिए अपना आशीर्वाद दे रही है.