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बुनकरों को नहीं मिल पा रही सरकारी मदद, मजदूरी पर काम करने को हैं मजबूर

कटोरिया में बुनकरों के उपयोग में लाए जाने वाले सामान समय पर नहीं मिलने और सरकारी उपेक्षा की वजह से हैंडलूम का काम खत्म होते जा रहा है. यहां के बुनकरों को काम नहीं मिलने के कारण मजदूरी करनी पड़ रही है.

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Published : Nov 27, 2019, 12:26 PM IST

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बुनकरों को नहीं मिल पा रही सरकारी मदद

बांका: जिले के अमरपुर प्रखंड स्थित कटोरिया बुनकरों के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव में 560 से अधिक बुनकर है. यहां हर घर में हैंडलूम की आवाज आसानी से सुनी जा सकती है. लेकिन बुनकरों के उपयोग में लाए जाने वाले सामान समय पर नहीं मिलने और सरकारी उपेक्षा की वजह से यहां हैंडलूम का काम खत्म होते जा रहा है.

बुनकरों को करनी पड़ रही है मजदूरी
दो साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने का फायदा भी इस गांव को नहीं मिल पाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने यहां के बुनकरों को बेहतर सुविधा देने का आश्वासन दिया था. जो आश्वासन तक ही सिमट कर रह गया. हालात यह है कि बुनकरों को काम नहीं मिलने के कारण मजदूरी करनी पड़ रही है.

बुनकरों को नहीं मिल पा रही सरकारी मदद

नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद
बुनकरों ने बताया कि रोजगार के लिए उन्हें न तो कोई सरकारी मदद मिलती है और न ही बैंक पैसा देता है. पैसे के अभाव में मजबूरन उन्हें दूसरों की मजदूरी पर काम करना पड़ता है. जहां मात्र 175 से 300 रुपए ही मिलते हैं.

पैसों के अभाव में कलस्टर का काम अधूरा
उद्योग महाप्रबंधक मो. जाकिर हुसैन ने बताया कि भागलपुर प्रमंडल में 10 कलस्टर तैयार किया जाना था. जिसमें जिले के 3 प्रखंडों में बुनकरों के लिए मेगा हैंडलूम कलस्टर बनाया जाना है. जिसमें अमरपुर के कटोरिया, धोरैया के सिंगारपुर और बौंसी के बंशीपुर शामिल हैं. लेकिन पैसों के अभाव में यह अधूरा पड़ा हुआ है.

बुनकरों द्वारा तैयार साड़ियां

उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं होने से हो रही परेशानी
कटोरिया बुनकर सहयोग समिति बांका के अध्यक्ष इस्तियाक ने बताया कि कि प्रथम किश्त की जो राशि मिली थी उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र बुनकर सेवा केंद्र भागलपुर के द्वारा केंद्र सरकार को मुहैया नहीं कराया गया. जिस वजह से द्वितीय किश्त की राशि अब तक नहीं मिल पाई है.

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