बांका :स्कूल में पानी....सड़क पर छात्र, सरकार अब तक अंजान. यह आलम है बांका के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत बिसनपुर पंचायत के मंझगांय स्कूल का. बिहार सरकार शिक्षा में सुधार को लेकर लाख दावा कर रही है लेकिन आज भी कई जिलों में स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है. बांका के मंझगांय गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की ही बात करे तो यहां के शिक्षक से लेकर छात्र तक हर कोई जलजमाव की स्थिति से परेशान है.
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स्कूल परिसर से लेकर कमरों तक पानी ही पानी:दरअसल, पिछले तीन दिनों से जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके कारण धीरे-धीरे स्कूल व्यवस्था की पोल खुलते नजर आ रही है. स्कूल परिसर से लेकर कमरों तक हर जगह बारिश का पानी भर गया है. ऐसे में स्कूली छात्र-छात्राएं सड़क पर खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.
छत पूरी तरह से जर्जर:इस संबंध में वार्ड सदस्य मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से साल 1950 में स्कूल की स्थापना की गई थी. आज के समय में स्कूल की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. आये दिन छत का मलबा गिरते रहता है. ऐसी स्थिति में शिक्षक और छात्र दोनों ही अपना जान हथेली पर रखकर स्कूल आने को मजबूर रहते हैं.
7 साल से लिख रहे पत्र, अब तक कोई सुनवाई नहीं: इधर, प्राधानाध्यापक मनोज कुमार पासवान ने बताया कि स्कूल में कुल 70 बच्चे नामांकित है, जिन्हें पढ़ाने के लिए 2 शिक्षक है. एक वरिय सहायक शिक्षक मनोज पासवान है और दूसरे सहायक शिक्षक संजीत कुमार हैं. 2016 से ही स्कूल व्यवस्था ठीक करने को लेकर वरिय अधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी दी जा रही है. स्कूल की जर्जर स्थिति से अवगत कराते हुए विद्यालय की अविलंब मरम्मती की मांग की गई है. लेकिन आज तक मरम्मत की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है. मुख्य सड़क से नीचे होने की वजह से हर साल बारिश में स्कूल परिसर जलमग्न हो जाता है. जिस कारण छात्र एवं छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है.
''विद्यालय की जर्जर स्थिति तथा बारिश के पानी भरने की सूचना विद्यालय के प्राधानाध्यापक मनोज पासवान ने दी है. फिलहाल प्रधानाध्यापक को गांव में पड़े हटाकर बच्चों को पढ़ाने का निर्देश दिया गया है. जर्जर भवन के संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए अविलंब विद्यालय की मरम्मती कराने की मांग की जाएगी.''- शिवनारायण ठाकुर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी
जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते बच्चे: वहीं, मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द ही स्कूल की मरम्मती नहीं की गई तो आने वाले समय में बड़ी दुर्घटना हो सकती है. ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से अविलंब जांच पड़ताल कर विद्यालय की मरम्मती कराने की मांग की है. उनका कहना है कि हर दिन हमारे बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं.