बांका:जिला मुख्यालय से सटे नवटोलिया के नूरी मस्जिद के पास स्थित मदरसा में हुए बम धमाके (Blast in Madarsa) की गुत्थी 72 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नहीं सुलझ पाई है. स्थानीय पुलिस के साथ डॉग स्क्वायड, FSL और ATS ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की. अब NIA भी मामले की जांच कर रही है. इसके बाद भी खुलासा नहीं हो पाया है कि बम ब्लास्ट कैसे हुआ? इस मामले के झारखंड और बंगाल कनेक्शन की भी जांच की जा रही है.
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डीएम सुहर्ष भगत और एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने मदरसा के अंदर कंटेनर में रखे देसी बम फटने की बात कह घटना को नवटोलिया और मजलिसपुर के बीच लंबे अर्से से चल रहे विवाद से जोड़ दिया है. इसके बाद भी सवाल अब भी कायम है कि मदरसा में बम कहां से आया? किसने रखा और किस परिस्थिति में फटा? मदरसा पिछले 3 महीने से बंद था. बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही थी. इस दौरान मौलवी मदरसा आते-जाते रहते थे. इसकी गुत्थी सुलझाना सभी जांच एजेंसियों के लिए चुनौती है.
नवटोलिया में चौथे दिन भी पसरा रहा सन्नाटा बम ब्लास्ट के चौथे दिन भी नवटोलिया में सन्नाटा पसरा है. सड़कें वीरान है. एक दिन पहले तक महिलाएं और बच्चे नजर आ रहे थे, लेकिन आज वे भी नदारद दिखे. पुरुष तो बम ब्लास्ट के बाद से ही फरार हैं. बच्चों से लेकर बूढ़े तक बम ब्लास्ट मामले को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए थे. जमींदोज हो चुके मदरसे के पास पुलिस के जवान तैनात नजर आए.
अबूझ पहेली बना है बम धमाका
बम ब्लास्ट मामले में अब भी जांच पूरी नहीं हो पाई है. स्थानीय पुलिस के बाद डॉग स्क्वायड, एफएसएल और एटीएस की टीम ने भी जमींदोज हो चुके मदरसे की जांच की है. सभी ने अपने स्तर पर सैंपल एकत्रित किए. एफएसएल ने जो सैंपल एकत्रित किए उसे फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स 72 घंटे बीत जाने के बाद भी धमाके का कारण पता नहीं चल पाया है. ब्लास्ट की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को दी गई है. अब लोगों की निगाहें एनआईए पर टिकी हुई है. वहीं, मदरसा ब्लास्ट मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं.
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