पटना:राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) के बड़े लाल तेजप्रताप (Lalu Yadav son Tej Pratap Yadav) ने फिल्म स्टार अक्षय कुमार (Movie Star Akshay Kumar) और फिल्म पृथ्वीराज के डायरेक्टर (Director Of Film Prithviraj) को नोटिस (Tej Pratap Sent Notice To Akshay Kumar) भेज रहे हैं. पूरा मामला एक फिल्म से जुड़ा हुआ है. तेजप्रताप ने इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी है. दरअसल पूरी कहानी हाल ही में प्रदर्शित फिल्म पृथ्वीराज से जुड़ी हुई है.
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तेजप्रताप मे खिलाड़ी कुमार को भेजा नोटिस :तेजप्रताप ने रविवार को अपने ट्विटर हैंडल पर यह लिखा कि, यदुवंशी वीर आल्हा ऊदल की वीरता फिल्म पृथ्वीराज में न दिखाया जाना कुंठित मानसिकता को उजागर करती है. सोचने वाली बात यह है कि बिना वीर अहीर आल्हा के किरदार के फिल्म को कैसे पूरी माना जाए. यदुवंशी वीर अहीर आल्हा ने पृथ्वीराज को 52 बार युद्ध में परास्त किया था.यही नहीं तेज प्रताप से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि इस मामले पर पीआईएल भी डाला जा रहा है. तेजप्रताप के इस ट्वीट के बाद ट्विटर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है.
कौन थे आल्हा उदल? :गौरतलब है कि लंबे इंतजार के बाद गत 4 जून को सुपरस्टार अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज को रिलीज किया गया था. फिल्म में अक्षय जहां सम्राट पृथ्वीराज चौहान की भूमिका में थे वही मानुषी छिल्लर ने संयोगिता और सोनू सूद ने कवि चंद्रवरदाई के रोल को निभाया था. 300 करोड़ की बजट में बनी इस फिल्म का निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया था. बुंदेलखंड की जमीं पर ऐसे दो वीरों हुए जिनकी वीरता की गथा अभी तक गाई जाती है. ये वीर थे आल्हा और ऊदल. दोनों भाइयों आल्हा और ऊदल का जन्म 12 विक्रमी शताब्दी में बुंदेलखंड के महोबा के दशरजपूरवा गांव में हुआ था. मां शारदा के भक्त थे आल्हा और ऊदल. आल्हा बचपन से ही देवी मां के परम भक्त थे. एक बार उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें पराक्रम और अमर होने का वरदान दिया था.
युद्ध के बाद लिया संन्यास : आल्हा और ऊदल की आखिरी लड़ाई दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान से हुई थी. पृथ्वीराज चौहान भी बहादुर और निडर योद्धा थे. पृथ्वीराज ने बुंदेलखंड को जीतने के उद्देश्य से ग्यारहवीं सदी के बुंदेलखंड के तत्कालीन चंदेल राजा परमर्दिदेव पर चढ़ाई की थी. उस समय दोनों भाई आल्हा ऊदल और पृथ्वीराज के बीच बैरागढ़ में बहुत भयानक युद्ध हुआ. इस युद्ध में आल्हा का भाई ऊदल मारा गया. आल्हा अपने छोटे भाई ऊदल की वीरगति की खबर सुनकर आपा खो बैठे और पृथ्वीराज चौहान की सेना पर मौत बनकर टूट पड़े. भीषण युद्ध के बाद पृथ्वीराज और आल्हा आमने-सामने आ गए. दोनों में युद्ध हुआ और पृथ्वीराज चौहान बुरी तरह घायल हो गए. आल्हा ने अपने भाई ऊदल की मौत का बदला पृथ्वीराज चौहान को पराजित करके लिया. यह युद्ध आल्हा के जीवन का आखरी युद्ध था. इसके बाद उन्होंने ने संन्यास ले लिया और शारदा मां की भक्ति में लीन हो गए.