बिहार

bihar

ETV Bharat / city

यहां आज भी सुनाई देती है कृष्ण के 'बांसुरी की धुन' और घुंघरू की 'छन-छन'

कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के मौके पर हम आपको बिहार के एक ऐसे गांव में लेकर चलेंगे, जहां आज भी भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की बांसुरी की आवाज सुनाई पड़ती है. पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

पटना
पटना

By

Published : Aug 29, 2021, 6:52 PM IST

पटना:बिहार के एक गांव में आज भी भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) की बांसुरी की आवाज लोगों को सुनाई पड़ती है. सुबह गाय चराने के लिए गाय पालक जब निकलते हैं, तो उन्हें कभी पायल, कभी घुंघरू, तो कभी बांसुरी की आवाज सुनाई पड़ती है. आस्था और पूरे विश्वास के साथ यहां के ग्रामीण इस बात को बताते हैं.

ये भी पढ़ें-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा द्वापर जैसा दुर्लभ संयोग, जानिए इस दौरान पूजन का महत्व

दरअसल, राजधानी पटना (Patna) से सटे 35 किलोमीटर की दूरी पर धनरूआ के विजयपुरा गांव के लोगों का ऐसा मानना है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी की मधुर तान छेड़ते हैं, जिसे आज भी सुना जा सकता है.

देखें रिपोर्ट

स्थानीय ग्रामीण संतोष कुमार सिंह ने बताया कि हमारे पूर्वज बताते हैं कि विजयपुरा गांव में भगवान श्रीकृष्ण जब पांडवों के साथ जरासंध पर विजय पाकर लौट रहे थे, तो भगवान श्रीकृष्ण यहां पर रात्रि विश्राम किए थे. इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण जब रुक्मणी हरण कर लौट रहे थे, तो यहीं पर उनका ठहराव हुआ था.

ये भी पढ़ें-साप्ताहिक राशिफल (अगस्त 29 से सितंबर 4) : कैसे करें भगवान कृष्ण को प्रसन्न और जानें कैसा बीतेगा ये सप्ताह

कहानी ये भी है कि इसी गांव के बंगाली दास जब भगवान श्रीकृष्ण से मिलने के लिए वृंदावन जा रहे थे, तो भगवान ने बीच रास्ते में ही उन्हें कुष्ठ रोगी के रूप में मिलकर दर्शन दिए थे. पहले तो श्रीकृष्ण ने उनकी परीक्षा ली थी, जिसके बाद उन्होंने दर्शन दिए थे. उसके बाद वृंदावन से मिट्टी लाकर यहां पर पिंडी बनाकर उन्होंने पूजा-अर्चना शुरू कर दिया और तब से लेकर आज तक यहां पर भव्य रासलीला का भी कार्यक्रम किया जाता है.

ग्रामीणों की मानें तो रासलीला कब से शुरू हो रही है, आज तक किसी को नहीं पता है. तकरीबन सैकड़ों सालों से यहां पर रासलीला का कार्यक्रम किया जाता रहा है. यहां तक कि पूरे भारत में तीन जगहों पर सबसे ज्यादा दिनों तक रासलीला का कार्यक्रम होता है. उसमें बिहार के पटना के विजयपुरा गांव जहां पर 53 दिनों तक रासलीला का कार्यक्रम किया जाता है. वहीं, जन्माष्टमी पर बहुत दूर-दूर से लोग इस मंदिर पर अपनी मन्नतें मांगने के लिए आते हैं.

धनरूआ स्थित विजयपुरा गांव में इस मंदिर की चर्चा पूरे प्रदेश भर में हैं. यहां पर लोग दूर-दूर से अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए आते हैं. आज भी कई ऐसे लोग हैं जो अपनी मन्नत पूरी होने की बात बताते नजर आते हैं. वहीं, इस मंदिर की खासियत और कन्हैया स्थान की चर्चा पूरे जोर-शोर से रहती हैं, क्योंकि आज भी यहां बांसुरी की धुन लोगों को सुनाई देती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details