पटना: यूं तो ऑक्सीजन जीवन के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी और इसके लिए मचे हाहाकार से लोगों ने अपनी सेहत को दुरुस्त रखने का सबक सीखा है. इसके लिए लोगों ने ऑक्सीजन (Oxygen Produced Plants) को घरों में ही सहेजना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि पटनावासियों ने संकट काल में शिद्दत से ऑक्सीजन की कमी को महसूस किया और अब घरों में ऑक्सीजन प्लांट की डिमांड बढ़ी है. भविष्य के खतरे को देखते हुए लोग प्लांटेशन को लेकर जागरूक हो गए हैं. खासकर महिलाओं ने घरों में प्लांटेशन का (Oxygen Plants Being Installed in Homes ) बीड़ा उठा लिया है.
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कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से टूटती सांसों से लोगों ने बड़ा सबक लिया. इसकी की महत्ता को समझते हुए करीब हर परिवार अपने आशियाने को फुलवारी से हरियाली कर रहा है. हालांकि इसके लिए सरकारी स्तर पर तो प्रयास किए जा ही रहे हैं, गैर सरकारी स्तर पर भी अब लोग प्रयास कर रहे हैं. खास तौर पर राजधानी पटना के लोगों की लाइफस्टाइल में काफी बदलवा आया है. लोग घरों और अपार्टमेंट प्लांटेशन कर रहे हैं. खास तौर पर वैसे पौधों को लगा रहे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं.
दरअसल तुलसी, एरिकेरिया, स्नेक प्लांट और मनी प्लांट ऐसे पौधे हैं जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं. राजधानी पटना की आधी आबादी ने वातावरण को शुद्ध करने का बीड़ा उठाया है. वातावरण शुद्ध हो और लोगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिले इसके लिए प्लांटेशन मजबूत विकल्प है. महिलाओं ने इसे खास पर अपनाना भी शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसी कई महिलाओं से बातचीत की. कोरोना काल में अपने लोगों को खो चुकी अमरीन अब घरों में प्लांटेशन पर काफी जोर दे रही है. महमारी ने अमरीन को पर्यावरण के प्रति और भी संजीदा बना दिया.
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