पटना:बिहार में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है. सरकार के इस निर्णय के बाद अब विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष के सहयोगी दल ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
लालू यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा- "बिहार की पूरी स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप देना चाहिए- पटना हाईकोर्ट. महामारी में भी नीतीश सरकार गंभीर और मानवीय नहीं है. भौं-भौं और हुंआ-हुंआ कर जंगलराज जंगलराज चिल्लाने वाले कहां दुबके है?"
तेजस्वी यादव ने नीतीश के फैसले को बताया 'नौटंकी'
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन का फैसला उस समय लिया जब संक्रमण हर जगह फैल गया है. तेजस्वी का आरोप है कि नीतीश कुमार पीएम मोदी के इशारे पर काम कर रहे हैं.
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तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा कि इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, '15 दिन से समूचा विपक्ष लॉकडाउन करने की मांग कर रहा था, लेकिन छोटे साहब अपने बडे साहब के आदेश का पालन कर रहे थे कि 2 मई तक लॉकडाउन नहीं करना है. अब जब गांव-गांव, टोला-टोला संक्रमण फैल गया तब दिखावा कर रहे हैं. इस संकट काल में तो निम्नस्तरीय नौटंकी और राजनीति से बाहर आइये, बाज आइए.'
बिहार में 15 मई तक लॉकडाउन
बिहार में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए नीतीश सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. ख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट करके कहा, 'कल सहयोगी मंत्रीगण एवं पदाधिकारियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में फिलहाल 15 मई, 2021 तक लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया गया, इसके विस्तृत मार्गनिर्देशिका एवं अन्य गतिविधियों के संबंध में आज ही आपदा प्रबंधन समूह (Crisis management Group) को कार्रवाई करने हेतू निदेश दिया गया है.'
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क्या कहा था पटना हाईकोर्ट ने
दरअसल, सोमवार को कोरोना संक्रमण में वृद्धि और उपचार को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए महाधिवक्ता से कहा कि राज्य सरकार से बात करें और मंगलवार यानी चार मई को बताएं कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आज यानी 4 मई को निर्णय नहीं आता है तो हाईकोर्ट कड़े फैसले ले सकता है. कोरोना मरीजों के उपचार के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछा था.