पटना: बीपीएससी 67 वीं की प्रारंभिक परीक्षा काे पेपर लीक होने के कारण रद्द (BPSC PT Exam cancelled) कर दिया गया है. इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव वर्षों से परीक्षा की तैयारी करने वाले और महिला अभ्यर्थियों पर (Depression in older male candidates) पड़ा है. परीक्षा रद्द होने के बाद से कई अभ्यर्थी इतने निराश हो गए हैं कि उन्होंने सही से खाना-पीना नहीं कर रहे हैं. इस वजह से उनके शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. लड़कियों पर दबाव बन रहा है कि बहुत दिन बाहर रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी कर ली, घर आओ. तुम्हारी शादी करनी है.
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मनोचिकित्सकों के पास बढ़ गए हैं बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल: एक तो बिहार में प्रतियोगी परीक्षाएं (Competitive Exams in Bihar) समय पर नहीं ली जातीं और बीपीएससी की परीक्षा की तिथि तीन बार बढ़ी. 7 महीने लेट परीक्षा हुई और फिर कैंसिल हो गई. अब अभ्यर्थियों को पता नहीं कि अगली परीक्षा कब होगी. ऐसे में अभ्यर्थियों को लग रहा है कि वह तैयारी करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. कई अभ्यर्थी यह सोचकर डिप्रेशन में चले गए हैं कि उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी में अपना जीवन बर्बाद कर दिया. मनोचिकित्सकों के पास इन दिनों बीपीएससी अभ्यर्थियों के कॉल काफी बढ़ गए हैं. सभी बता रहे हैं कि वह काफी दिन हो गए हैं. बार-बार दिमाग में एक ही चीज घूम रहा है. पढ़ने में मन नहीं लग रहा, कुछ खाने का मन नहीं करता.
अभ्यर्थियों का कहना है कि किसी से मिलने का भी मन नहीं कर रहा. कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जो चिकित्सकों को बता रहे हैं कि कई बार उनके दिमाग में ख्याल आ रहा है कि जीवन को खत्म कर दिया जाए. ऐसे में मनोचिकित्सक की तरफ से ऐसे मामलों में काउंसलिंग की जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि खुद को फिजिकल वर्क से जोड़ें. कॉमेडी फिल्में देखें, म्यूजिक सुनें और जहां भी नकारात्मक बातें चल रही हों, वहां से दूर हो जाएं. मन में सकारात्मक विचार पैदा करें.
लड़कियों पर शादी का दबाव: पटना के भिखना पहाड़ी इलाके में कोचिंग करने वाली मुस्कान ने बताया कि वह लखीसराय जिले की रहने वाली हैं. पटना में हॉस्टल में रहकर सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करती हैं. बिहार में लड़कियों को लेकर पढ़ाई का माहौल अच्छा नहीं है. जहां अच्छा भी है, वहां भी लड़कियों को एक निर्धारित समय दिया जाता है कि 2 साल या 3 साल तैयारी करो और कोई नौकरी निकालो नहीं तो घर आओ. बीते कुछ वर्षों से वैकेंसी नहीं आई. वैकेंसी आई तो परीक्षा में विलंब हुआ. फिर परीक्षा कैंसिल हो गई ऐसे में उनके साथ साथ उनकी कई सहेलियों को घर से दबाव बन रहा है कि बहुत हो गई तैयारी. कुछ होने जाने वाला नहीं है. चलो घर लौट आओ. तैयारी करके सिर्फ समय बर्बाद होगा और शादी की उम्र भी बढ़ जाएगी.
'कई छात्राएं डिप्रेशन में चली गई हैं. उन्हें लग रहा है कि वह जीवन में अब कुछ नहीं कर पाएंगे और इसके पीछे जिम्मेदार सरकार की नीतियां हैं जो समय पर वैकेंसी नहीं लातीं ताकि हमें घर से जो निर्धारित समय तैयारी के लिए दिया गया है, उसमें वह फॉर्म अप्लाई कर सकें. सरकार की गलत नीतियों के कारण ही परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होता है. इस वजह से दोबारा परीक्षा का इंतजार करना पड़ता है.'-मुस्कान कुमारी, अभ्यर्थी
बेतिया के रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि वह पटना में रहकर तैयारी कर रहे हैं. घर की आर्थिक हालत भी कमजोर है. उनका सेंटर औरंगाबाद जिले में था. ट्रेन में खड़े रहकर औरंगाबाद गए. वहां से भूखे प्यासे परीक्षा केंद्र पर पहुंचे और परीक्षा दी. उनकी परीक्षा अच्छी गई थी. उनकी तैयारी अच्छी थी. चेहरे खुशी थी लेकिन जैसे ही स्टेशन पहुंचे तो शोर मचा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र पहले से वायरल हो गया था. परीक्षा रद्द होगी.
बिहार की परीक्षाओं पर नहीं रही रहा भरोसा: उन्होंने बताया कि इसके बाद से वह ढंग से खाना नहीं खा पाए हैं. उनका कुछ भी खाने को मन नहीं कर रहा. पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि बीपीएससी के अलावा भी उन्होंने कुछ अन्य परीक्षायों के फॉर्म भरे थे लेकिन बिहार की परीक्षाओं पर उनका भरोसा नहीं बन पा रहा क्योंकि बीपीएससी जैसी परीक्षा की यह स्थिति हो गयी तो आगे क्या होगा. उन्होंने कहा कि यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था. परीक्षा रद्द होने से उनके सारे सपने टूट गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सपने सिर्फ उनके ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी टूटे हैं. कर्ज लेकर वह उन्हें पढ़ा रहे हैं और इस बार उनकी तैयारी भी बेहतर थी, एग्जाम भी अच्छा गया था. उम्मीद थी कि सभी कर्ज वह उतार देंगे लेकिन परीक्षा रद्द हो गई.
तैयारी नहीं लग रहा मन: नालंदा से आकर पटना में बीपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र मुकेश कुमार ने बताया कि इस परीक्षा से सिर्फ उनके सपने ही नहीं टूटे हैं बल्कि उनके मां-बाप के भी सपने टूटे हैं. परीक्षा को लेकर उन्होंने कई वर्षों से तैयारी की थी. जो सपना देखा जाता है, उसे पूरा करने का समय एग्जाम के समय आता है और यह जब एग्जाम कैंसिल हो गया और अभी भी तय नहीं है कि अगली परीक्षा कब होगी, ऐसे में मन काफी हतोत्साहित हो गया है.