पटना: राज्य एक लंबे वक्त से सुखाड़ और बाढ़ की दोतरफा मार झेलता आ रहा है. पिछली बार भी बिहार सरकार ने राज्य के 25 जिलों के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था. इस बार भी मौसम के मिजाज से सरकारी तंत्र परेशान है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसके तहत जिलों को जरुरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
बाढ़ और सुखाड़ से निपटने के लिए सरकार सतर्क, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ से बचने के लिए सभी जिलाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. चुनाव खत्म होने के बाद उन निर्देशों का पालन करने के आदेश दिए हैं.
मुख्य सचिव की कवायद
मुख्य सचिव ने सभी डीएम को पिछले तमाम रिकॉर्ड के मद्देनजर शहरों और गांवों में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं. आदेश में कहा गया है कि किसी भी हाल में पेयजल संकट नहीं होने दिया जाए. इससे पहले सीएस ने राज्य के सभी जिला अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलस्तर की जानकारी ली.
सभी DM को निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जिलेवार सभी डीएम को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि जरूरत हो तो नए चापाकल भी लगाए जाएं. पुराने चापाकल अगर सूख गए हैं तो उसकी तत्काल मरम्मत कराई जाए. अधिक से अधिक टैंकरों से पेयजल लोगों तक पहुंचाया जाए. इसके लिए जिलों को जल्द ही राशि दे दी जाएगी. दीपक कुमार ने सभी जिलों के डीएम को यह भी कहा है कि चुनाव खत्म होने के बाद प्रमंडल वार पेयजल उपलब्धता की समीक्षा होगी और समस्या से निजात दिलाने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे.