पटना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट 'भारतमाला' में शामिल अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक प्रस्तावित राम जानकी मार्ग (Ram Janki Marg) का विस्तार हो रहा है. अब इस मार्ग को बिहार (Bihar) के बुद्ध सर्किट (Buddha Circuit) और शक्ति सर्किट (Shakti Circuit) से भी जोड़ा जाएगा. जिससे बिहार के पर्यटन व्यवसाय (Tourism Business) को एक नई दिशा मिलेगी.
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राम जन्मभूमि अयोध्या से नेपाल स्थित जनकपुर को जोड़ने वाले राम जानकी मार्ग से बिहार का बुद्ध सर्किट और शक्ति सर्किट को जोड़ा जाएगा. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत राम जानकी मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है और इस नए मार्ग से बिहार के पर्यटन उद्योग को जबरदस्त बढ़ावा मिल सकता है.
राम जन्मभूमि अयोध्या से मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी तक प्रस्तावित राम-जानकी मार्ग को अब सारण के तरैया से राजापट्टी गम्हारी होते हुए डुमरिया घाट में नेशनल हाइवे के नीचे से गंडक नदी के किनारे के रास्ते सलेमपुर तक जोड़ने का प्रस्ताव है और इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है.
इसके बन जाने से गोपालगंज का थावे मंदिर, सत्तरघाट के महाभारत कालीन धनेश्वरनाथ मंदिर, डुमरिया के अति प्राचीन नागेश्वरनाथ मंदिर, पूर्वी चंपारण के अरेराज सोमेश्वरनाथ मंदिर, अशोक स्तंभ के साथ-साथ पश्चिम चंपारण के लौरिया, रमपुरवा और नंदनगढ़ के बौद्ध स्थल के अलावे कई प्राचीन धार्मिक स्थल इस मार्ग से जुड़ जाएंगे.
इतने सारे प्राचीन और धार्मिक स्थलों के लिए मार्ग तैयार होने पर पर्यटन व्यवसाय को बड़ा फायदा होगा क्योंकि पर्यटकों को इन तमाम जगहों पर पहुंचने में बेहद सहूलियत हो जाएगी. जानकारी के मुताबिक सिवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी जिलों में प्रस्तावित सड़क निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है. इस योजना पर करीब 12 सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
इस बारे में आर्थिक सामाजिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार ने कहा कि भारतमाला परियोजना का विस्तार जिस तरह से बिहार में करने की योजना है उससे निश्चित तौर पर पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा कि ना सिर्फ सरकार को राजस्व मिलेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर छोटे-बड़े रोजगार के भी बड़े मौके पैदा होंगे.
भारतमाला प्रोजेक्ट से इतने सारे धार्मिक और पर्यटन स्थल जुड़ने को लेकर बिहार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा कि चंपारण में नंदनगढ़ लौरिया और केसरिया के आसपास विकास कार्यों के लिए स्थानीय स्तर पर कई योजनाएं बनाई गई हैं. राम जानकी मार्ग से जुड़ने पर इस पूरे इलाके में स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही बिहार के अन्य इलाकों में स्थित बौद्ध सर्किट तक भी लोगों की पहुंच आसान होगी. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को झांकी प्रदर्शन के दौरान पर्यटन विभाग की झांकी में बौद्ध स्तूप को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है.
मंत्री ने कहा कि इससे देश-विदेश के पर्यटकों की रुचि बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत राम जानकी मार्ग से बौद्ध और शक्ति सर्किट के जुड़ने से इस पूरे इलाके में रोजगार की असीम संभावनाएं पैदा होंगी. मंत्री ने कहा कि इस इलाके में फाइव स्टार होटल सहित कई अन्य बड़े प्रोजेक्ट भी तैयार हो रहे हैं ताकि बाहर से आने वाले पर्यटकों को ठहरने और खाने पीने में कोई परेशानी ना हो.
बता दें कि राम जानकी मार्ग सिवान के सदर, जीरादेई, मैरवा और गुठनी, गोपालगंज के कुंदरिया, बंगरा, फैजुल्लाहपुर, सत्तरघाट, पूर्वी चंपारण के केसरिया, कल्याणपुर, चकिया, पकड़ीदयाल, शिवहर और सीतामढ़ी होकर जनकपुर तक बनाने का प्रस्ताव था. अब इस मार्ग को सारण के तरैया से राजापट्टी, गम्हारी होते हुए डुमरिया घाट में एनएच के नीचे से गंडक नदी के किनारे के रास्ते सलेमपुर तक जोड़ने का प्रस्ताव है.
बता दें, भारतमाला परियोजना राजमार्ग क्षेत्रों के लिए सड़क निर्माण का एक प्रमुख कार्यक्रम है. जो मुख्य आर्थिक गलियारों, आंतरिक गलियारों और प्रमुख मार्गों, राष्ट्रीय गलियारों में दक्षता सुधार, सीमा और अंतरराष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय और पोर्ट कनेक्टिविटी सड़कें बनाने तथा ग्रीन-फील्ड (हरित) एक्सप्रेसवे के विकास जैसी प्रभावी योजनाओं के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को पूरा करके देशभर में माल और यात्री गतिविधियों की दक्षता को अनुकूलित करने पर केंद्रित है.
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