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ISRO अतंरिक्ष में स्थापित करेगा भारतीय स्पेस स्टेशन, सोमनाथ ने बताया बड़ा प्लान

ISRO अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ ने शुक्र ग्रह के लिए आगामी मिशन, लैंडर प्रौद्योगिकी में प्रगति, चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग और अन्य विषयों पर चर्चा की.

ISRO Chairman Dr. Somnath
ISRO अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ (फोटो - PIB India)

By ETV Bharat Tech Team

Published : Oct 30, 2024, 9:52 AM IST

हैदराबाद: ISRO के अध्यक्ष और स्पेस सचिव डॉ. एस सोमनाथ ने सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर 2024 में 'भारतीय अंतरिक्ष यात्रा: नई सीमाओं की खोज' पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने भारत के अंतरिक्ष विजन 2047 के बारे में जानकारी दी.

नई दिल्ली के रंग भवन में आकाशवाणी द्वारा आयोजित इस व्याख्यान में चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग के मिशन पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने चंद्रमा की खोज में मदद के लिए एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की बात की और ऐसे रॉकेट बनाने पर चर्चा की जिन्हें एक से अधिक बार इस्तेमाल किया जा सके.

डॉ. सोमनाथ ने लैंडर तकनीक में ISRO के बड़े सुधारों पर प्रकाश डाला और भविष्य की योजनाओं को साझा किया, जिसमें चंद्रमा और मंगल पर सफल मिशनों के बाद शुक्र की कक्षा, सतह और भूमिगत का अध्ययन करने के लिए मिशन शामिल हैं.

इसरो के अध्यक्ष ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के लिए भारत की बड़ी योजनाओं के बारे में बात की, जिसका उद्देश्य देश के विकास के लिए इसका उपयोग करना है. इसरो प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और उपग्रह संचार और नेविगेशन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए परियोजनाओं पर काम कर रहा है.

डॉ. सोमनाथ ने अंतरिक्ष यात्रा की प्रशंसा की और लोगों की मदद के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की भारत की दृढ़ भावना और समर्पण को उजागर किया. उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम प्रेरणा देता रहेगा और एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया का निर्माण करेगा.

अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को शामिल करने की सरकारी योजनाओं के बारे में बात करते हुए डॉ. सोमनाथ ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इसरो ने अपने उपग्रह, रॉकेट और ग्राउंड सिस्टम बनाना सीख लिया है.

प्रसार भारती ने 26 अक्टूबर को आकाशवाणी के रंग भवन सभागार में सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान 2024 का आयोजन किया. यह वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की जाती है और इसकी शुरुआत 1955 में सी राजगोपालाचारी के उद्घाटन भाषण से हुई थी.

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