हैदराबादः जनरल असेंबली ने 2021 में 'बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में अंतरराष्ट्रीय सहयोग' पर अपने संकल्प लिया था. इसी आधार पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से 20 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय चंद्र दिवस घोषित किया. इसके बाद से हर साल इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय चंद्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन सोलर सिस्टम में चंद्रमा की महत्ता, शोध, संभावनाएं सहित अन्य मुद्दों पर शैक्षणिक, तकनीकि व संस्थाओं में लोगों को जागरूक किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय चंद्र दिवस 'अपोलो 11 चंद्र मिशन' के हिस्से के रूप में चंद्रमा पर मनुष्यों की ओर से पहली बार उतरने की वर्षगांठ का प्रतीक है. सालाना आयोजित होने वाले समारोह में चंद्रमा की खोज में सभी राज्यों की उपलब्धियों पर भी विचार किया जाता है. साथ ही स्थायी चंद्रमा अन्वेषण और उपयोग के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाती है.
हजारों वर्षों से मानव सभ्यताएं चंद्रमा की उत्पत्ति और रहस्यों पर विचार करते हुए आकाश की ओर देखती रही हैं. चंद्रमा हमारा एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है. पहली दूरबीनों के आविष्कार द्वारा सक्षम भू-आधारित अवलोकनों ने हमारे आकाशीय साथी की हमारी समझ में एक नया अध्याय खोला है. अंतरिक्ष गतिविधियों के जन्म के साथ ही चंद्रमा अनगिनत मिशनों का अंतिम गंतव्य स्थल बन गया है. इसमें चालक दल की उड़ानें शामिल हैं जो ब्रह्मांड में किसी अन्य स्थान पर पहली मानव पदचिह्न लेकर आईं है. चंद्रमा अन्वेषण के प्रयास महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ आकार लेते जा रहे हैं. इसलिए यह वैश्विक उत्सव न केवल अतीत में सफलता की याद दिलाता है, बल्कि भविष्य के प्रयासों के लिए एक वार्षिक साक्ष्य के रूप में भी कार्य करेगा.
संयुक्त राष्ट्र और अंतरिक्ष
अंतरिक्ष युग की शुरुआत से ही, संयुक्त राष्ट्र ने माना है कि बाह्य अंतरिक्ष ने मानवता के अस्तित्व में एक नया आयाम जोड़ा है. संयुक्त राष्ट्र परिवार सभी मानव जाति की बेहतरी के लिए बाह्य अंतरिक्ष के अनूठे लाभों का उपयोग करने के लिए निरंतर प्रयास करता है.