नई दिल्ली : आईटी और सॉफ्टवेयर प्रमुख आईबीएम ने कहा कि भारत एक मजबूत एआई गवर्नेंस फ्रेमवर्क बनाने के साथ ग्लोबल एआई हब बनने की राह पर है. इसके लिए एआई उपकरणों की पहुंच, लागत कम करने और इसे स्वचालित करने की आवश्यकता है. साथ ही इसमें ऑफ-द-शेल्फ व्यवसाय में एम्बेडेड एआई वृद्धि भी शामिल है. आईबीएम भारत और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने आईएएनएस को बताया, ''भारत सरकार ने एआई और भारतीय उद्यमों द्वारा इसे अपनाने और इसके निवेश पर जोर दिया है. आईबीएम एआई के उपयोग पर सरकार के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.''
कंपनी द्वारा कराए गए नए शोध में पाया गया कि भारत में लगभग 59 प्रतिशत उद्यम-स्तर के संगठन अपने व्यवसायों में सक्रिय रूप से एआई का उपयोग कर रहे हैं. 'आईबीएम ग्लोबल एआई एडॉप्शन इंडेक्स 2023' में कहा गया था कि कंपनियां शुरुआती दौर में इसे अपना रही है. 74 प्रतिशत भारतीय उद्यम पहले से ही एआई के साथ काम कर रहे हैं, पिछले 24 महीनों में आर एंड डी और वर्कफोर्स री-स्किलिंग जैसे क्षेत्र एआई में अपने निवेश में तेेेजी लाए है.
संदीप पटेल ने कहा, ''हालांकि अभी भी इसमें तेजी लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि कई व्यवसाय प्रयोग से आगे बढ़ने और एआई को बड़े पैमाने पर उपयोग में लाने से परहेज कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ''आने वाले महीनों में इसकी पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए जिम्मेदारी से एआई मॉडल बनाने के लिए डेटा और एआई गवर्नेंस टूल महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं, जिन पर उद्यम भरोसा कर सकते हैं और आत्मविश्वास से इसे अपना सकते हैं.